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    सूखे के हालात जानने गांव-गांव जाएंगे अफसर

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    Updated: Thu, 31 Mar 2016 07:14 PM (IST)

    फतेहपुर, जागरण संवाददाता : ओलावृष्टि एवं सूखे की चपेट में सर्वाधिक नुकसान यमुना और ¨रद नदी के किनारे

    फतेहपुर, जागरण संवाददाता : ओलावृष्टि एवं सूखे की चपेट में सर्वाधिक नुकसान यमुना और ¨रद नदी के किनारे बसे गांवों का हुआ है। इन गांवों में मौजूदा हालात क्या है इसकी पड़ताल अब नए सिरे से होगी। डीएम ने कृषि, उद्यान, पशुपालन और सिचाई विभागों के अफसरों की चार टीमें गठित कर दी है। जोकि दस अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट एकत्रित करेंगी। प्रत्येक टीम एक दिन में तीन गांवों में जाएगी। 11 अप्रैल को डीएम रिपोर्ट के आधार पर तुरंत सुविधा को लेकर रणनीति तैयार कर ग्रामीणों के लाभ दिए जाने का निर्णय लेंगे। मौजूदा समय में प्रशासन के पास 89 गांवों की सूची है, जिनमें सूखे जैसे हालात है। यहां फसलों का नुकसान हुआ तो पशुओं के लिए चारे की विकट समस्या है। एक बार फिर नए सिरे से इन गांवों के हालातों पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। गांव जाने वाली टीमें मुख्य रूप से गांवों में फसल के नुकसान, पशुओं के चारे, पीने के पानी की स्थिति का आंकलन करेंगे। डीएम द्वारा तैयार टीमों में पहली टीम उप निदेशक कृषि प्रसार जीसी कटियार की अध्यक्षता में है इस टीम में सहायक के रूप में उद्यान अधिकारी, डिप्टी सीबीओ और एई सिचाई है। दूसरी टीम की अध्यक्षता जिला कृषि अधिकारी रविकांत ¨सह करेंगे इनके साथ भी तीन अलग अलग विभागों के अधिकारी लगाए गए है। तीसरी टीम की अगुवाई बीएसए जलागम और चौथी टीम की अगुवाई बीएसए ईईसी करेंगे। इनके साथ ही तीन तीन अन्य विभागों के अधिकारी लगाए गए है।टीमें गांवों से वास्तविक हालात को एकत्रित कर डीएम के समक्ष रखेंगे।

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