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    मैरीटाइम इंडिया समिट में बोले पीएम, बाबा साहेब जलनीति के थे जनक

    मैरीटाइम इंडिया उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बी आर अंबेडकर की 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। तीन दिन चलने वाले इस सम्मेलन में भारत की समुद्र संपदा के बेहतर उपयोग पर चर्चा होगी।

    By Manish NegiEdited By: Updated: Thu, 14 Apr 2016 01:02 PM (IST)

    मुंबई (एएनआई)। मैरीटाइम इंडिया उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के समय में मैरीटाइम यातायात जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। इसके विकास के लिए हमें नए सिरे से सोचने की जरूरत है। इस बात का ख्याल रखना होगा कि मैरीटाइम यातायात की वजह से सामुद्रिक जीवों पर किसी तरह का बुरा प्रभाव न पड़े। जिस तरह से जलवायु परिवर्तन हो रहा है कि उससे साफ है कि समुद्र में होने वाली गतिविधियों से ग्लेशियर्स पर असर पड़ रहा है। आज के समय में मैरीटाइम यातायात पर्यावरण के अनुकूल है।

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    पीएम ने कहा कि ये पहला मौका है जब भारत इतने बड़े पैमाने पर वैश्विक आयोजन को कर रहा है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडर की मैरीटाइम यातायात पर सोच को ध्यान में रखकर आज के दिन इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

    डॉ अंबेडकर भारत में जल नीति नदियों को जोड़ने और सामुद्रिक यातायात के नियंता थे। हम लोगों में से बहुत लोगों को ये पता नहीं है कि डॉ अंबेडकर दो भारत में दो शक्तिशाली संस्थाओं के जनक थे जिसमें नौ परिवहन और ऊर्जा थी। सेंट्रल वाटरवेज, इरिगेशन एंड नेविगेशन कमीशन और सेंट्रल टेक्निकल पावर बोर्ड शामिल था। गरीबों की भलाई के लिए बाबा साहेब नई जलनीति पर बल देने की बात कहा करते थे। भारत सरकार ने बाबा साहेब के सपनों को साकार करने के लिए जलनीति नौपरिवहन नीति पर खासा ध्यान दे रही है।

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    पीएम ने कहा कि भारत की इतनी लंबी सामुद्रिक सीमा में अपार संभावनाएं हैं। जिसके उचित इस्तेमाल की जरूरत है। भारत सरकार इस सेक्टर में एक लाख करोड़ के निवेश पर काम कर रही है ताकि भारत के नौजवानों को बड़ी संख्या में रोजगार मिल सके।

    सी रूट का भूल जाना एक यादगार यात्रा को भूलने जैसा है आज के समय में भारत आने का बेहतर मौका है खास तौर से अगर कोई सी रूट से आए तो उसकी यात्रा और यादगार हो जाएगी। मछलियों को पकड़ने के लिए सरकार अत्याधुनिक सुविधाओं वाली नौकाओं के विकास पर बल दे रही है। इससे भारतीय मछुआरे भारत के विशिष्ट आर्थिक संसाधनों का फायदा उठा सकेंगे।

    पीएम ने कहा कि सामुद्रिक यातायात से हम न केवल व्यापार करते हैं बल्कि दुनिया की अलग अलग सभ्यताएं एक दूसरे से जुड़ती हैं।

    इससे पहले उन्होंने बी आर अंबेडकर की 125वीं जयंती पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।

    केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि लगातार कई सालों से घाटे में चल रही शिपिंग कॉरपोरेशन जल्द ही अपने मुनाफे का घोषणा करेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले 10 साल में सरकार बंदरगाहों की क्षमता को दोगुना करेगी। केंद्र सरकार ने पोर्ट के विकास के लिए 100 फीसद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने का फैसला किया है।

    केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने इस सम्मेलन की पूर्व संध्या पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी से पहले 1945 में अंतरिम सरकार के मंत्री रहते डॉ.भीमराव आंबेडकर ने भारत की समुद्री संपदा के बेहतर उपयोग का एक ख़ाका तैयार किया था, जिसपर आज तक अमल नहीं किया जा सका। इसलिए आज अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन की शुरुआत करने जा रहे हैं। जिसमें 41 देशों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। गडकरी ने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन के दौरान 82,900 करोड़ रुपयों के समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे।

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    नितिन गडकरी के अनुसार भारत के पास 7,517 किलोमीटर लंबा समुद्री किनारा होने के साथ-साथ देश के अंदर 14,426 किलोमीटर लंबा उपयोग लायक नदियों का जाल है। इसके बावजूद यातायात के लिए जल सबसे कम उपयोग भारत में किया जाता है। इस सबसे सस्ते माध्यम का अब तक उचित उपयोग न हो पाने के कारण ही हम आज तक अन्य देशों के साथ प्रतियोगिता में टिक नहीं पाते।

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    गडकरी के अनुसार अब सरकार ने समुद्री संपदा एवं नदियों का व्यावसायिक उपयोग करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की है, जिसपर अगले तीन दिनों में न सिर्फ विस्तार से चर्चा होगी, बल्कि कई महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी होंगे।

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    तीन दिन चलने वाले इस सम्मेलन में भारत की समुद्र संपदा के बेहतर उपयोग पर चर्चा होगी।