मोदी पुंछ में रैली करने वाले दूसरे पीएम होंगे
28 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुंछ में रैली को संबोधित करेंगे। मोदी देश के दूसरे प्रधानमंत्री होंगे, जो पुंछ में रैली करेंगे। इससे पहले वर्ष 1977 में मोरार जी देसाई ने पुंछ में विशाल रैली को संबोधित किया था। हालांकि, वर्ष 2005 में आए विनाशकारी भूकंप में प्रधानमंत्री मनमोहन
राजौरी (जागरण संवाददाता)। 28 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुंछ में रैली को संबोधित करेंगे। मोदी देश के दूसरे प्रधानमंत्री होंगे, जो पुंछ में रैली करेंगे। इससे पहले वर्ष 1977 में मोरार जी देसाई ने पुंछ में विशाल रैली को संबोधित किया था। हालांकि, वर्ष 2005 में आए विनाशकारी भूकंप में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पुंछ आए थे, लेकिन किसी जनसभा को संबोधित नहीं किया था।
दो दिसंबर को पुंछ जिले की तीन विधानसभा सीटें पुंछ हवेली, सुरनकोट व मेंढर में मतदान होना है। इन तीनों सीटों से भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों के लिए 28 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार करने के लिए आ रहे हैं। प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। दिल्ली से नेताओं की एक टीम भी पुंछ पहुंच चुकी है। इसके साथ खुफिया एजेंसियों ने भी अपनी हलचल को तेज कर दिया है। इस रैली में मोदी को सुनने पचास हजार से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना है।
जम्मू को होगा ‘370’ हटने से नुकसान:आजाद
भाजपा पर कुर्सी के लिए अनुच्छेद 370 पर समझौता करने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राज्य का विशेष दर्जा खत्म होने का नुकसान कश्मीर को नहीं जम्मू को होगा। गठबंधन सरकार बनाने के लिए तैयार कांग्रेस ने विधानसभा सीटों के परिसीमन पर तेवर नरम कर लिए हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज के साथ रविवार शाम को जम्मू में पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र जारी करने के बाद आजाद ने कहा कि आज तक भाजपा अनुच्छेद 370 और अलगाववादियों की खिलाफत कर वोट मांगती आई है। अब पार्टी ने 370 को ठंडे बस्ते में डालने के साथ अलगाववादियों से हाथ मिला अपने दोगले होने का सुबूत दे दिया। भाजपा किस स्तर तक जा सकती है इसका सुबूत पार्टी उम्मीदवार डॉ. हिना भट्ट ने इसके खिलाफ बंदूक उठाने की बात कर दे दिया। संवाददाता सम्मेलन में आजाद ने दावा किया कि जम्मू संभाग की आरक्षित सीटों की रोटेशन पर कश्मीर की पार्टियों को ऐतराज नहीं होगा इसलिए परिसीमन आयोग के गठन का वादा जम्मू संभाग की आरक्षित सीटों की रद्दोबदल तक ही सीमित होगा। अपने कार्यकाल का हवाला देते हुए आजाद ने कहा कि उन्होंने सीटें बढ़ाने की कोशिश की थी लेकिन सहयोगी पीडीपी व विपक्षी नेकां ने विरोध किया। बोले, बढ़ाई जाने वाली सीटों में कश्मीर को ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए।
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