मुफ्ती के बयान पर पहली बार बोले मोदी, संसद में दिया जवाब
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में हुई चर्चा के जवाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के बयान से साफतौर असहमति जताई। मोदी ने कहा कि ऐसे बयान का हम कभी समर्थन नहीं कर सकते।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में हुई चर्चा के जवाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के बयान से साफतौर असहमति जताई। मोदी ने कहा कि ऐसे बयान का हम कभी समर्थन नहीं कर सकते। मंगलवार को इस उच्च सदन में सरकार की उस वक्त किरकिरी हो गई जब विपक्ष ने अभिभाषण पर संशोधन प्रस्ताव रखा और वह पारित हो गया। इससे अभिभाषण में 'कालाधन लाने में नाकाम रहने' की लाइन जोड़ी जाएगी।
चर्चा के दौरान विपक्ष ने मुफ्ती के बयान पर मोदी के जवाब की मांग की। इस पर प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में असहमति जताई। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बनते ही मुफ्ती ने राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय आतंकियों, हुर्रियत व पाकिस्तान का दिया था।
मोदी ने इसके जवाब में कहा कि आतंक बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और संसद द्वारा पारित प्रस्ताव शब्दश: और उसी भावना के साथ लागू किया जाएगा। उनकी सरकार एकता व अखंडता के प्रति वचनबद्ध है। सदन व देश के 125 करोड़ नागरिकों को भरोसा दिलाता हूं कि जम्मू--कश्मीर में बनी गठबंधन सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर ही चलेगी।
मुलाकात से पहले ही मोदी पर बरसी ममता
राज्यसभा में सरकार की हार
राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर मोदी सरकार को राज्यसभा में हार का सामना करना प़़डा। सदन में बहुमत प्राप्त विपक्ष ने अभिभाषण में भ्रष्टाचार व कालेधन वापसी का जिक्र नहीं होने पर खेद जताते हुए संशोधन प्रस्ताव पेश किया।
माकपा नेता सीताराम येचुरी ने 'भारी भ्रष्टाचार व कालाधन वापस लाने में नाकाम रहने' का संशोधन पेश किया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने इस पर वोटिंग नहीं कराने की अपील की, लेकिन येचुरी नहीं माने। मतदान में संशोधन प्रस्ताव के पक्ष में 118 और विपक्ष में 57 वोट पड़े।
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