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शुक्रवार को होगा गुजरात के नए सीएम का एलान

शाह शुक्रवार को बतौर विधानसभा सदस्य भाजपा विधायक दल की बैठक में मौजूद होंगे जिसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महासचिव सरोज पांडे भी होंगी।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 03 Aug 2016 09:08 PM (IST)Updated: Wed, 03 Aug 2016 09:20 PM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आनंदी बेन पटेल के इस्तीफे के बाद गुजरात का नया मुख्यमंत्री चुनने की कवायद शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवास पर हुई भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में पटेल का इस्तीफा स्वीकार करने के साथ ही शाह को नया नेता चुनने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। शाह शुक्रवार को बतौर विधानसभा सदस्य भाजपा विधायक दल की बैठक में मौजूद होंगे जिसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महासचिव सरोज पांडे भी होंगी।

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जाहिर तौर पर यह मशविरा का दौर होगा जिसमें मुख्यत: विजय रूपाणी और नितिन पटेल के नाम पर ही चर्चा होगी। बुधवार को संसदीय बोर्ड की बैठक में ज्यादा कुछ करने को नहीं था। बताते हैं कि सदस्यों को घटनाक्रम की जानकारी दी गई और उसके साथ ही प्रधानमंत्री की ओर से शाह को यह जिम्मेदारी दे दी गई कि वह गुजरात की राजनीतिक स्थिति देखते हुए नए चेहरे का चुनाव करें।

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हालांकि इसके लिए पूरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी और इसी लिहाज से केंद्रीय पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं। बैठक भी होगी और विधायकों के साथ मशविरा भी होगा। पर सूत्रों की मानें तो इसकी जरूरत इसलिए ज्यादा है ताकि नए मुख्यमंत्री के चुनाव के बाद कोई खेमेबाजी न हो। यह उन विधायकों के लिए भी संकेत होगा जो अमित शाह के गुजरात वापस आने की बात कर रहे हैं। यह संदेश भी होगा कि नए नेता को मोदी और शाह का वरदहस्त है।

गौरतलब है कि नए मुख्यमंत्री के रूप में अमित शाह के नाम की भी अटकलें लगती रही थीं। लिहाजा बोर्ड की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने यह भी साफ किया कि शाह बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष बरकरार रहेंगे। नायडू ने कहा, 'बैठक में उनकी उम्मीदवारी पर चर्चा ही नहीं की गई। वह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर उनकी जरूरत है।'हालांकि रूपाणी ने अहमदाबाद में मुख्यमंत्री की दावेदारी से खुद को अलग रखते हुए कहा कि नेतृत्व को भी उन्होंने बता दिया है कि वह संगठन में ही रहना चाहते हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार उनका नाम सबसे ऊपर है।

उसके बाद नितिन पटेल और एक-दो अन्य विधायकों का नाम है। पर इन सभी नामों में रूपाणी की दावेदारी इसलिए ज्यादा मजबूत है क्योंकि शाह के पसंदीदा होने के साथ-साथ वह पिछले दिनों में संगठन को साथ लेकर चलना सीख गए हैं। गौरतलब है कि उम्र का हवाला देकर दो दिन पहले ही आनंदी बेन ने अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। संसदीय बोर्ड की ओर से उनका इस्तीफा स्वीकार होते ही उन्होंने बुधवार को राज्यपाल ओपी कोहली को भी इस्तीफा सौंप दिया है। सट्टा बाजार में रूपाणी आगेअहमदाबाद से जागरण संवाददाता के मुताबिक, गुजरात के सट्टा बाजार में प्रदेश अध्यक्ष विजय रूपाणी के सीएम बनने का भाव 60 पैसा है। जबकि मंत्री नितिन पटेल पर 1.10 रुपये और संगठन महासचिव भिखू दलसाणिया पर 1.40 रुपये का दांव लगा है।


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