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दिल्ली में भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं नजीब जंग

उपराज्यपाल नजीब जंग ने सूबे में नई सरकार के गठन की संभावनाएं तलाशने की कवायद तेज कर दी है। ऐसे संकेत हैं कि वह दिल्ली विधानसभा में सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता भेज सकते हैं। दरअसल, नजीब जंग दिल्ली की राजनीतिक स्थिति को लेकर अपनी रिपोर्ट शीघ्र ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेजने जा रहे

By Edited By: Published: Thu, 28 Aug 2014 07:49 AM (IST)Updated: Thu, 28 Aug 2014 08:04 AM (IST)
दिल्ली में भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं नजीब जंग

नई दिल्ली [अजय पांडेय]। उपराज्यपाल नजीब जंग ने सूबे में नई सरकार के गठन की संभावनाएं तलाशने की कवायद तेज कर दी है। ऐसे संकेत हैं कि वह दिल्ली विधानसभा में सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता भेज सकते हैं। दरअसल, नजीब जंग दिल्ली की राजनीतिक स्थिति को लेकर अपनी रिपोर्ट शीघ्र ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेजने जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल अपनी रिपोर्ट में दिल्ली में सरकार बनने की संभावनाएं मौजूद होने की दलील देकर राष्ट्रपति से विधानसभा भंग करने से पहले सरकार के गठन की कवायद शुरू करने की इजाजत मांग सकते हैं।

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यदि उपराज्यपाल की रिपोर्ट पर केंद्र ने सहमति जता दी तो सूबे में सरकार बनाने की कवायद तुरंत शुरू हो जाएगी। बताया गया कि सबसे बड़ा दल होने की वजह से भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण भेजा जाएगा। यदि पार्टी निमंत्रण को स्वीकार कर सरकार बनाने की पहल करती है तो उसे सदन में बहुमत साबित करने का समय दिया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि जिस प्रकार पहले भाजपा व आम आदमी पार्टी को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया गया था, उसी प्रकार एक बार फिर से न्यौता दिया जाएगा।

चूंकि आम आदमी पार्टी सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है और कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, लिहाजा भाजपा को ही बुलाया जाएगा। यदि भाजपा हामी भरती है तो मुख्यमंत्री व मंत्रिमंडल को शपथ दिलाकर पार्टी को सदन में बहुमत साबित करने का समय दिया जाएगा। अहम बात यह भी है कि भाजपा यह कहती रही है कि यदि उपराज्यपाल उसे बुलाएंगे, तो वह सरकार बनाने के विकल्प पर विचार करेगी।

राष्ट्रपति शासन से गुजर रही दिल्ली विधानसभा को लेकर केंद्र सरकार को नौ सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि यदि यहां सरकार नहीं बन सकती तो विधायक घर बैठे तनख्वाह क्यों ले रहे हैं। केंद्र पर यह दबाव है कि वह स्पष्ट करे कि सूबे में सरकार बनेगी अथवा विधानसभा को भंग किया जाएगा।

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