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    दंगे का दावानल अभी भी बेकाबू, अब तक 36 की मौत

    मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक हिंसा तीसरे दिन भी बेकाबू रही। ग्रामीण इलाकों में रविवार देर रात तक और सोमवार को भी रह-रहकर फायरिंग की आवाज गूंजती रही। दंगे में जान-माल का कितना नुकसान हुआ है, इसका अंदाजा अभी किसी को नहीं है। 36 लोगों के मरने की जानकारी है लेकिन प्रशासन 30 के मारे जाने की पुष्टि कर रहा है। केंद्र के रुख और विपक्ष के हमले से सकते में आई अखिलेश सरकार ने इलाके के कमिश्नर, डीआइजी, मुजफ्फरनगर में एसएसपी और शामली के एसपी का तबादला कर दिया है। हिंसाग्र

    By Edited By: Updated: Tue, 10 Sep 2013 11:29 AM (IST)

    जागरण न्यूज नेटवर्क, मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक हिंसा तीसरे दिन भी बेकाबू रही। ग्रामीण इलाकों में रविवार देर रात तक और सोमवार को भी रह-रहकर फायरिंग की आवाज गूंजती रही। दंगे में जान-माल का कितना नुकसान हुआ है, इसका अंदाजा अभी किसी को नहीं है। 36 लोगों के मरने की जानकारी है लेकिन प्रशासन 30 के मारे जाने की पुष्टि कर रहा है। केंद्र के रुख और विपक्ष के हमले से सकते में आई अखिलेश सरकार ने इलाके के कमिश्नर, डीआइजी, मुजफ्फरनगर में एसएसपी और शामली के एसपी का तबादला कर दिया है। हिंसाग्रस्त क्षेत्र के एक थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है। मुजफ्फरनगर जा रहे रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले भाजपा के प्रतिनिधिमंडल और केंद्रीय मंत्री अजित सिंह और उनके सांसद बेटे जयंत को गाजियाबाद में रोक लिया गया।

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    गत 27 अगस्त को युवती से छेड़खानी के मामले के तूल पकड़ने से पैदा हुए दंगे के हालात के चलते मुजफ्फरनगर तीसरे दिन भी क‌र्फ्यू में जकड़ा रहा। सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बावजूद ताजा झड़पों में खतौली में कुछ लोगों के मारे जाने की जानकारी मिली है। रविवार रात हिंसा की जद में पड़ोसी जिला शामली भी आ गया, वहां पर एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है। सहारनपुर में भी एक व्यक्ति मारा गया है। पड़ोसी जिले बागपत में भी एक के मारे जाने की जानकारी मिली है। सोमवार रात जिले के सूप गांव के कुछ लोगों पर दर्जनभर हमलावरों ने धारदार हथियारों से हमला बोल दिया। आधा दर्जन लोग घायल हो गए। दो की हालत गंभीर बताई गई है। मेरठ में भी तनाव बना हुआ है। सोमवार को मृतक संख्या छह और बढ़ गई। रविवार तक दंगे में 30 लोग मारे गए थे।

    स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एक हजार लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं। भाजपा विधायक दल के नेता विधायक हुकुम सिंह के खिलाफ भी भड़काऊ भाषण देने का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अतिरिक्त भाजपा विधायक संगीत सोम, सुरेश राणा, भारतेंदु सिंह और कांग्रेस के पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं। हिंसाग्रस्त इलाकों के हथियार लाइसेंस भी निलंबित कर दिए गए हैं।

    कानून व्यवस्था को बनाने के लिए सेना की तैनाती को बढ़ा दिया गया है। करीब साढ़े तीन हजार सैनिक इस समय मुजफ्फरनगर और इसके आसपास मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के पांच हजार जवान भी इलाके में तैनात हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा है कि प्रदेश सरकार को संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी। आवश्यकतानुसार और भी बल मुहैया कराया जाएगा।

    ट्रेन पर पथराव

    शामली : दिल्ली-सहारनपुर रेल मार्ग पर रविवार की रात जनता एक्सप्रेस ट्रेन पर अराजक तत्वों ने पथराव कर दिया। इसमें कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन सफर के दौरान यात्रियों में दहशत का माहौल रहा। वहीं शहर में सांप्रदायिक हिंसा के कारण उपजे तनाव से रेलवे व रोडवेज विभाग को प्रतिदिन लाखों का नुकसान हो रहा है। लोग यात्रा करने में हिचक रहे हैं।

    जांच के लिए आयोग गठित

    लखनऊ : उत्तार प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर की हिंसा के कारणों की जांच के लिए सोमवार को देर शाम जांच आयोग का गठन कर दिया। हाई कोर्ट के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश विष्णु सहाय कारणों की जांच करेंगे।

    पंचायतों व महापंचायत पर रोक

    उत्तार प्रदेश सरकार ने सभी तरह की पंचायतों और महापंचायत पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। गृह सचिव के अनुसार इस प्रकार के किसी भी आयोजन के लिए प्रशासन की अनुमति आवश्यक होगी। बिना अनुमति के होने वाले आयोजनों से सख्ती से निपटा जाएगा।

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