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पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक आबादी बहुत गरीबः अमर्त्य सेन

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक तरफ दावा करती हैं कि उनके राज्य में मुसलमान सबसे अधिक विकसित हैं तो वहीं दूसरी तरफ ये हकीकत सिर्फ एक जुमला नजर तब आती है जब नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के प्रतीची इंस्टिट्यूट एंड एसोशिएशन स्नैप द्वारा पेश की गई रिपोर्ट

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Wed, 02 Mar 2016 02:42 PM (IST)Updated: Wed, 02 Mar 2016 03:05 PM (IST)

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक तरफ दावा करती हैं कि उनके राज्य में मुसलमान सबसे अधिक विकसित हैं तो वहीं दूसरी तरफ ये हकीकत सिर्फ एक जुमला नजर तब आती है जब नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के प्रतीची इंस्टिट्यूट एंड एसोशिएशन स्नैप द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में मुसलमानों की माली हालत बेहद ही दयनीय है।

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सेन ने हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की थी जिसमें कहा गया है कि अन्य राज्यों की अपेक्षा पश्चिम बंगाल में मुसलमान ज्यादा कमजोर हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समुदाय के सिर्फ एक फीसद परिवार के पास ही प्राइवेट सेक्टर में नौकरी है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 47 फीसद आबादी खेती और अन्य़ कामों में व्यस्त है और ग्रामीण इलाके में 80 फीसद आबादी की हर महीने की कमाई मात्र 5 हजार रुपये ही है।

रिपोर्ट की अगर मानें तो 38.3 फीसद परिवार 2500 रुपये प्रति माह कमा पाते हैं और सिर्फ 3.4 फीसद परिवार ऐसे हैं जो 15 हजार या उससे ऊपर की कमाई कर पाते हैं। रिपोर्ट में यहां तक दावा किया गया है कि जहां पर ममता बनर्जी की पार्टी का दबदबा है वहां पर मुसलमान बेहतर स्थित में हैं और जहां पर टीएमसी का दबदबा नहीं है वहां पर इनकी हालत दयनीय है।


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