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    भाजपा राष्ट्रीय परिषद पर होगी मोदी-शाह की छाप

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    Updated: Sat, 09 Aug 2014 08:42 AM (IST)

    केंद्र में सरकार गठन के ढाई माह बाद दिल्ली में होने जा रही भाजपा की राष्ट्रीय परिषद पर शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही छाप होगी। शनिवार को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में होने वाली राष्ट्रीय परिषद से भी औपचारिक रूप से भाजपा अध्यक्ष चुने जाने के बाद अमित शाह पार्टी नेताओं को जीत का फार्मूला देंगे। अपने पहले

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र में सरकार गठन के ढाई माह बाद दिल्ली में होने जा रही भाजपा की राष्ट्रीय परिषद पर शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही छाप होगी। शनिवार को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में होने वाली राष्ट्रीय परिषद से भी औपचारिक रूप से भाजपा अध्यक्ष चुने जाने के बाद अमित शाह पार्टी नेताओं को जीत का फार्मूला देंगे।

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    अपने पहले अध्यक्षीय भाषण में वह यह स्पष्ट करेंगे कि चुनावी राजनीति में जनता अहम है। लिहाजा नेताओं की परिक्रमा के बजाय जनता से संपर्क बनाएं। यही पार्टी के भी हित में है और सरकार के भी। बैठक का समापन मोदी करेंगे। लालकृष्ण आडवाणी बीच में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जबकि वित्तमंत्री अरुण जेटली और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज प्रस्ताव पर चर्चा में अपने विचार रखेंगे।

    यह तो तय है कि दस साल के बाद भाजपा की किसी राष्ट्रीय बैठक का माहौल अलग होगा। केंद्र में सरकार है लिहाजा इस बार प्रस्ताव अपनी उपलब्धियों पर केंद्रित होगा। मोदी सरकार के पहले ढाई महीने में उठाए गए कदमों के साथ साथ विदेशी मोर्चे पर सफलता का भी उल्लेख होगा। खुद प्रधानमंत्री मोदी देश के सामने चुनौतियों और उसके निदान के बारे में राय रख सकते हैं। नेताओं को यह भी याद दिलाया जाएगा कि जमीन पर काम तो करें ही, विपक्षियों के बेवजह आरोपों का खंडन करने में भी न चूकें। बताते हैं कि शाह का भाषण चुनावी चुनौतियों, सरकार व संगठन के बीच सामंजस्य पर केंद्रित होगा। ज्ञात हो, शाह ने अभी टीम नहीं बनाई है,जबकि कई राज्यों में खुद को चेहरा साबित करने के लिए भी नेताओं में होड़ है। महत्वाकांक्षा पाल रहे इन नेताओं को शाह सख्त संकेत दे सकते हैं। माना जा रहा है कि उनका पहला अध्यक्षीय भाषण इकट्ठा मिलकर चुनौतियों का सामना करने पर केंद्रित होगा।

    ध्यान रहे कि पिछले कुछ दिनों में वह अलग अलग राज्यों के नेताओं के साथ बैठक कर समीक्षा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री भी लगातार अलग अलग राज्यों के सांसदों से मुलाकात कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखने के लिए पिछले सप्ताह से हर रोज भाजपा के कोई एक मंत्री कार्यकर्ताओं से मिल कर उनकी समस्याएं सुन रहे हैं। निचोड़ यह होगा कि पांच साल बाद रिपोर्ट कार्ड पेश करना होगा। उसके लिए अभी से हर किसी को तैयारी करनी होगी।

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