बिजली बिलों में कटौती के बहाने मोदी का 'आप' पर निशाना
दिल्ली सरकार द्वारा बिजली दामों में कटौती के वादे पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जबरदस्त निशाना साधा। उन्हाेंने कहा कि कोई भी राज्य का मुखिया का या कोई भी राजनीतिक दल इस तरह के वादे कैसे कर सकता है जबकि वह बिजली के लिए
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार द्वारा बिजली दामों में कटौती के वादे पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जबरदस्त निशाना साधा। उन्हाेंने कहा कि कोई भी राज्य का मुखिया का या कोई भी राजनीतिक दल इस तरह के वादे कैसे कर सकता है जबकि वह बिजली के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर हो। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए बिना कहा कि चुनाव में हर पार्टी बिजली के दामों में कमी का वादा करती है, लेकिन जनता को चाहिए कि वह इन वादों के बारे में गहनता से विचार करें और जानें की यह सच्चाई के कितने करीब हैं।
उन्होंने इस बात पर भी चुटकी ली कि जिन राज्यों में बिजली उत्पादन का कोई आधार नहीं है उन राज्यों में राजनीतिक दल इस तरह के वादे करते हैं। जबकि हकीकत यह होती है कि वह राज्य अन्य राज्यों से बिजली खरीदता है। बिजली के साथ साथ उन्होंने पानी की समस्या को भी बेहद चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि अब किसानों की इस समस्या पर गहनता से विचार करने का समय है, क्योंकि किसी भी किसान के लिए यह सबसे बड़ी जरूरत है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बिजली बिलों में आधी कटौती करने का वादा किया है। दिल्ली को राेजाना पांच हजार मेगावाट बिजली की जरूरत होती है, जिसके लिए उसको दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है। आप के ऊपर इस वादे को लेकर हुए पीएम के हमले से आप नेता नाराज हैं। आप के प्रवक्ता आशुतोष ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पीएम होने के नाते उन्हें इस बारे में विचार कर राज्यों को इसके लिए सहुलियत प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने पीएम द्वारा आप पर किए गए हमले पर कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया।
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आप के अन्य नेता आशिष खेतान ने कहा कि दिल्ली की पिछली सरकारों ने ऊर्जा के विकल्पों पर न तो कभी ध्यान दिया और न ही इस ओर कोई पॉलिसी बनाई। उनका कहना था कि दिल्ली में सौर ऊर्जा का प्रयोग बेहतर विकल्प साबित हो सकता है लेकिन इस बारे में कभी कोई पॉलिसी पूर्व की दिल्ली सरकारों ने नहीं बनाई। वहीं दूसरी ओर कोयले से मिल रही बिजली के लिए दिल्ली को झारखंड और छत्तीसगढ़ पर निर्भर रहना पड़ता है।उनका कहना था कि बिजली के दामों में कमी और ऊर्जा के क्षेत्र में सुधार दोनों ही अलग-अलग विषय हैं।
पीएम के आज दिए बयान पर कांग्रेस ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पीएम के कहने और करने में बहुत फर्क है। उन्होंने कहा कि पंजाब में जब राज्य सरकार मुफ्त बिजली की बात कहती है तो पीएम को सही लगती है। वहीं वहां के सीएम को पुरस्कृत भी कर दिया जाता है।
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