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भाजपा की जीत के लिए मोदी का वाराणसी से लड़ना जरूरी

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की तीसरी सूची में भी प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नाम तो घोषित नहीं हुए, लेकिन बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड सहित नौ राज्यों में अधिकतर उम्मीदवार तय कर दिए गए।

By Edited By: Published: Fri, 14 Mar 2014 08:02 AM (IST)Updated: Fri, 14 Mar 2014 03:21 PM (IST)
भाजपा की जीत के लिए मोदी का वाराणसी से लड़ना जरूरी

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की तीसरी सूची में भी प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नाम तो घोषित नहीं हुए, लेकिन बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड सहित नौ राज्यों में अधिकतर उम्मीदवार तय कर दिए गए। 97 उम्मीदवारों की सूची में पूर्व गृह सचिव आरके सिंह के अलावा कई बाहरी नेता टिकट पाने में सफल रहे हैं। विवादों से बचती दिखी भाजपा ने फिलहाल यूपी से एक भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

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यशवंत सिन्हा और जदयू के बागी सांसद जय नारायण निषाद की जगह उनके पुत्रों के अलावा दिवंगत प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन को भी टिकट मिल गया है। पटना साहिब के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को दिल्ली से चुनाव लड़ने के लिए मनाने की कोशिश होगी। अगर वह नहीं माने तो उन्हें वर्तमान सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया जाएगा।

गुरुवार को भाजपा की चुनाव समिति से पहले संसदीय बोर्ड में वाराणसी समेत कुछ अन्य विवादित सीटों को लेकर चर्चा हुई। दरअसल, बुधवार रात ही संघ नेताओं के साथ भाजपा की चर्चा हुई थी। प्रदेश प्रभारी अमित शाह ने संघ को बताया है कि बड़ी जीत के लिए मोदी का वाराणसी से उतरना जरूरी है। लिहाजा, संघ को ही हस्तक्षेप कर डा. मुरली मनोहर जोशी को मनाना चाहिए। माना जा रहा है कि 15 मार्च की चुनाव समिति से पहले इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।

बाद में चुनाव समिति की बैठक में नौ राज्यों पर चर्चा हुई और 97 उम्मीदवार घोषित कर दिए गए। सुषमा स्वराज समेत तकरीबन सभी वर्तमान सांसदों को दोबारा टिकट दे दिया गया। कुछ की सीटें बदलीं तो कुछ के पुत्रों को स्थान दिया गया। मसलन, झारखंड के हजारीबाग से यशवंत सिन्हा के पुत्र जयंत सिन्हा भाग्य आजमाएंगे। उम्र का हवाला देते हुए यशवंत पहले ही चुनाव लड़ने से मना कर चुके थे। प्रमोद महाजन की बेटी पूनम को उत्तर-मध्य मुंबई से कांग्रेस की प्रिया दत्त के खिलाफ मैदान में उतारा गया है।

बाहर से आए सांसदों को भी पूरा सम्मान दिया गया। राजग से आए रामकृपाल पाटलिपुत्र से लालू प्रसाद यादव की पुत्री मीसा को चुनौती देंगे। तो जदयू से आए सुशील सिंह को उनकी सीट औरंगाबाद मिल गई है। भाजपा में शामिल हुए स्वतंत्र सांसद ओम प्रकाश यादव और पुतुल कुमारी को भी उनकी सीट दे दी गई है। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद से राव उदय प्रताप सिंह को टिकट दिया गया है। राव ने पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था।

आरके सिंह को बिहार की आरा, शाहनवाज हुसैन को भागलपुर, राजीव प्रताप रूड़ी को सारण, कीर्ति आजाद को दरभंगा, हुकुम देव नारायण यादव को मधुबनी और गिरिराज सिंह को नवादा से टिकट मिला है। करिया मुंडा को झारखंड की खूंटी सीट और एसएस अहलूवालिया को दार्जीलिंग से टिकट मिला है। सुमित्रा महाजन को इंदौर, नोट के बदले वोट कांड से चर्चा में आए फग्गन सिंह कुलस्ते को मंडला, दिलीप सिंह भूरिया को रतलाम, अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा को मुरैना और कांग्रेस का टिकट ठुकराने वाले भगीरथ प्रसाद सिंह को भिंड (सुरक्षित) से टिकट दिया गया है।

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बहरहाल, कुछ विवादित नामों को तो रोक लिया गया, लेकिन कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा की करीबी शोभा करंदलजे टिकट पाने में कामयाब रहीं। सुषमा स्वराज के विरोध को देखते हुए फिलहाल पार्टी ने बेल्लारी से प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि बीएसआर कांग्रेस प्रमुख बी. श्रीरामुलू को उतारने का फैसला कर लिया है। सुषमा ने श्रीरामुलू का विरोध किया था। 15 मार्च और फिर 19 मार्च को चुनाव समिति की बैठक में सभी प्रत्याशी घोषित कर दिए जाएंगे।


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