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विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर कमाएगा देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू से ही भारत को दर्शनीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रोजगार के अवसर पैदा करने की बात कहते आए हैं। उनकी सरकार के पहले बजट में मोदी का यह दर्शन साफ झलकता है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश की धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासतों को सजा संवार कर पेश किया जाएगा। ि

By Edited By: Published: Thu, 10 Jul 2014 10:59 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jul 2014 11:00 PM (IST)
विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर कमाएगा देश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू से ही भारत को दर्शनीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रोजगार के अवसर पैदा करने की बात कहते आए हैं। उनकी सरकार के पहले बजट में मोदी का यह दर्शन साफ झलकता है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश की धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासतों को सजा संवार कर पेश किया जाएगा। जिससे विदेशी पर्यटक आकर्षित हो और आर्थिक मंदी के इस दौर में भी रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें।

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इसके लिए सरकार ने बजट में पांच पर्यटन क्षेत्र विकसित करने की घोषणा की है। विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाओं वाला सारनाथ-गया-वाराणसी बौद्ध गलियारा विकसित किया जाएगा। इतना ही नहीं देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत के नौ हवाई अड्डों पर ई-वीजा सुविधा भी शुरू करने का प्रस्ताव है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में पर्यटन को खास तवज्जो देते हुए कहा कि विश्वभर में पर्यटन सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाला क्षेत्र है। भारत में समृद्ध सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासत है। यहां पर्यटन की बड़ी संभावनाएं हैं। पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं। इसके लिए पांच पर्यटन क्षेत्र विकसित किए जाएंगे।

इसके लिए 500 करोड़ का बजट रखा गया है, जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत वाले शहरों के लिए प्रसाद और हृदय जैसे विशेष कार्यक्रम शुरू होंगे। दुनियाभर से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सारनाथ-गया-वाराणसी बौद्ध गलियारा विकसित किया जाएगा। इस मार्ग पर विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

मोदी सरकार को बखूबी मालूम है कि देश में धार्मिक पर्यटन सबसे आगे है। लिहाजा, सरकार धार्मिक महत्व के स्थलों और शहरों को विशेष रूप से विकसित करेगी। इन शहरों की विरासत को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय विरासत शहर विकास एवं संवर्धन योजना [हृयद] शुरू की जाएगी। योजना की शुरुआत मथुरा, अमृतसर, गया, कांचीपुरम, वेल्लनकणी और अजमेर से होगी। इसके लिए 200 करोड़ का बजट रखा गया है।

सरकार यह परियोजना शिक्षण संस्थान व स्थानीय समुदाय की भागेदारी से शुरूकरेगी। इसके अलावा चालू वित्त वर्ष में राष्ट्रीय धार्मिक जीर्णोद्धार और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान प्रसाद) मिशन भी शुरू होगा। इसके लिए 100 करोड़ का प्रस्ताव है। पुरातत्व स्थलों के संरक्षण के लिए भी 100 करोड़ प्रस्तावित हैं। सरकार गोवा में भी पर्यटन की अपार संभावनाएं देख रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि गोवा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र के रूप में उभर रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का भी स्थाई केंद्र बनता जा रहा है। इसे देखते हुए राज्य में विश्व स्तर की सम्मेलन सुविधाएं विकसित करने की जरूरत है। सरकार इसे निजी कंपनियों के साथ मिल कर शुरू करेगी।

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