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    ट्वेंटी-20 नहीं, टेस्ट के लिए उतरी है टीम मोदी

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    Updated: Sat, 26 Jul 2014 07:12 AM (IST)

    सशक्त व समृद्ध भारत और अच्छे दिनों के लिए कुछ इंतजार करना होगा। काम शुरू हो चुका है। महंगाई और बिजली पर उठ रहे सवालों पर ये जवाब संघ-भाजपा परिवार ने तैयार कर लिए हैं। संघ के मंथन और चिंतन के मुताबिक, ये सिर्फ सियासी जवाब नहीं, बल्कि हकीकत है। मोदी सरकार ने उस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं और तीन ऋ

    [राजकिशोर], नई दिल्ली। सशक्त व समृद्ध भारत और अच्छे दिनों के लिए कुछ इंतजार करना होगा। काम शुरू हो चुका है। महंगाई और बिजली पर उठ रहे सवालों पर ये जवाब संघ-भाजपा परिवार ने तैयार कर लिए हैं। संघ के मंथन और चिंतन के मुताबिक, ये सिर्फ सियासी जवाब नहीं, बल्कि हकीकत है। मोदी सरकार ने उस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं और तीन ऋतुओं यानी एक वर्ष में अच्छे दिनों की मजबूत आहट सुनाई पड़ने लगेगी। लोकसभा चुनाव के बाद अब सरकार और संघ दोनों एक ही स्लोगन चलाएंगे, 'टीम मोदी ट्वेंटी-ट्वेंटी नहीं टेस्ट मैच खेलने उतरी है।'

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    दीर्घकालिक कदमों से समझौता नहीं

    एक दशक के सूखे के बाद जनता के तमाम अरमान जगाकर सत्ता में आया केसरिया परिवार इस दफा खासा सतर्क है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो वादे और सरकार में आने के बाद जैसे दावे किए हैं, उन पर परिवार कहीं भी कमतर साबित होना नहीं चाहता। महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में चुनाव के बावजूद, दूरगामी और दीर्घकालिक कदमों के मोदी सरकार के फैसले पर संघ का शीर्ष नेतृत्व भी मुहर लगा रहा है। संघ मान रहा है कि तात्कालिक लाभ के लिए दीर्घकालिक रणनीति से समझौता करना ठीक नहीं है। अच्छे दिनों के लिए लोग इंतजार करने को तैयार है। संघ सबको यही समझा भी रहा है कि तीन मौसमों सर्दी, गर्मी और बारिश के बाद ही किसी सरकार को कसौटी पर कसा जा सकता है।

    मोदी पर अटूट भरोसा

    दरअसल, दो माह के मोदी सरकार के शासन की समीक्षा के बाद संघ ने पाया है कि जनता की आशाएं पहले जैसी ही बनी हुई हैं। मोदी पर आम लोगों का भरोसा भी है। मगर महंगाई डायन की चीख संघ और भाजपा के कार्यकर्ताओं को आशंकित कर रही है। संघ के एक बड़े पदाधिकारी ने कहा, 'सरकार के दो माह के कार्यकाल की शुरुआत अच्छी है। जिस तरह से मोदी सरकार तेजी से काम कर रही है, उससे भी जनता में अच्छा संदेश जा रहा है। मगर महंगाई पर तमाम टीका-टिप्पणियांसुनने को मिलने लगी हैं।'

    महंगाई पर भी समझ रहे लोग

    संप्रग सरकार के प्रति आक्रोश का मुख्य कारण रही महंगाई के सिर उठाने से आशंकित संघ परिवार तुरंत इस दिशा में सक्रिय हुआ। पूरे देश से उसके प्रचारकों और विस्तारकों ने जो निष्कर्ष भेजे हैं, उससे संघ के शीर्ष नेतृत्व को संतोष मिला है। संघ की रिपोर्ट के मुताबिक, महंगाई पर लोगों ने तंज तो कसने शुरू कर दिए हैं, लेकिन वह मोदी सरकार को मौका देने के लिए तैयार हैं। बस जरूरत है जनता से संवाद कायम रखने की। इसे समझते हुए संघ ने अपने क्षेत्र और प्रांत प्रचारकों से कहा है कि मंडल, कस्बे और गांव स्तर तक महंगाई बढ़ने के कारण बताए जाएं। साथ ही इसे रोकने के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों पर जनता से संवाद बढ़ाया जाए।

    सरकार के कदमों का प्रचार-प्रसार

    मोदी सरकार की तरफ से जमाखोरों पर उठाए गए सख्त कदमों और खुले बाजार में गेहूं या अन्य खाद्यान्न भेजने जैसे कदम भी जनता तक पहुंचाए जाने शुरू कर दिए गए हैं। साथ ही संप्रग शासन और मौजूदा समय की महंगाई का तुलनात्मक अध्ययन भी केसरिया परिवार को राहत दे रहा है। सरकार की तरफ से मंत्री और भाजपा की तरफ से पार्टी प्रवक्ता मोर्चा संभाल रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी जनता को 'जागरूक' करने का अभियान शुरू किया जा चुका है। संघ की बैठक में यह भी कहा गया, 'यदि नेतृत्व में भरोसा हो तो लाल बहादुर शास्त्री के एलान पर लोगों ने एक वक्त का भोजन छोड़ दिया था। अभी ऐसे हालात नहीं हैं। बस प्याज या टमाटर किसी भी चीज की थोड़ी कमी होती है तो लोगों को संभलकर चलने की अपील की जाएगी तो कोई संकट नहीं है, क्योंकि लोगों का मोदी पर भरोसा जमा हुआ है।' सरकार के कदमों से होने वाले फायदों और उसमें लगने वाले समय पर नजता से हर स्तर पर संवाद कायम किया जाएगा।

    फिलहाल इन कदमों से आस

    सरकार की बदली कार्यशैली

    तेजी से होते फैसले

    सौ शहरों की बुनियाद

    हाईस्पीड रेल नेटवर्क

    सबके लिए घर

    बिजली पैदा करने के बड़े उपाय

    प्रधानमंत्री सिंचाई योजना

    करों में छूट व ज्यादा कर देने के प्रोत्साहन

    उद्योगों के निवेश के लिए प्रोत्साहन

    कम सरकार, ज्यादा काम

    जनप्रतिनिधियों पर तेजी से चलेंगे मुकदमे

    जमाखोरों पर सख्त कार्रवाई

    बाजार में खाद्यान्न की भरमार

    विदेश नीति के मोर्चे पर मारे तीर

    पढ़ें: साइबर जासूसी पर मोदी सरकार ने अमेरिका को चेताया