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    मोदी सरकार के तीन साल के रिपोर्ट कार्ड के लिए मिशन मोड में मंत्री

    By Kishor JoshiEdited By:
    Updated: Sat, 15 Apr 2017 02:14 PM (IST)

    मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर केंद्र सरकार के मंत्री रिपोर्ट कार्ड जनता तक पहुंचाने के प्रयासों में लगे हुए हैं।

    मोदी सरकार के तीन साल के रिपोर्ट कार्ड के लिए मिशन मोड में मंत्री

    नई दिल्ली (जेएनएन)। सरकार के रिपोर्ट कार्ड को जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से केंद्र के एक दर्जन मंत्रियों की टीम पिछले काफी दिनों सें इसे अंजाम देने में मिशन मोड से लगी हुई है। सरकार की योजना के मुताबिक आगामी छह हफ्तों तक प्रत्येक शुक्रवार हर एक मंत्रालय की ओर से प्रेस कांफ्रेस करके रिपोर्ट कार्ड पेश किया जाएगा।

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    आज केंद्रीय समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने सरकार की ओर से उठाये गए सामाजिक कल्याण के कदम के बारे में जानकारी दी। दूसरा रिपोर्ट कार्ड केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से पेश किया जाएगा, जिसके तहत शहरी क्षेत्रों में घर मुहैया कराने समेत केंद्र की अन्य उप्लब्धियो का जिक्र किया जाएगा। वैकेंया नायडू के बाद नितिन गडकरी, धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल के मंत्रालय ऐसी ही प्रेस कांफ्रेंस करेगे।

    मोदी सरकार के रिपोर्ट कार्ड के मिशन मोड की कमान सूचना और प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू कमान संभाल रहे हैं। वेंकैया सहित इस टीम में शामिल 13 मंत्रियों की अब तक कई बैठकें हो चुकी हैं। वैंकेया नायडू द्वारा संबंधित मंत्रियों को लिखे पत्र में कहा गया कि हमें ठोस रूप से पूरी कार्ययोजना तैयार कर लेनी है और तथ्य, आंकड़े, संख्या और सांख्यिकी आदि के साथ लैस रहना है, ताकि हमारी सरकार की उपलब्धि का प्रचार बड़े स्तर पर कर सकें। इसी तरह उन्होंने कहा है कि लोगों को हमारी सरकार के बारे में राय कायम करने और अपने जीवन पर हमारी सरकार के प्रभाव के बारे में फैसला करने के लिहाज से तीन साल का समय पर्याप्त होता है।

    सरकार की मौजूदा प्राथमिकताओं के लिहाज से इस टीम में ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को बेहद अहम जिम्मेवारी दी गई है। उन्हें जिन मुद्दों को जनता के बीच ले जाना है, उनमें भ्रष्टाचार रोधी व्यवस्था को दुरुस्त करने और नोटबंदी के रूप में इसका क्लाइमैक्स सबसे प्रमुख है। इसके अलावा उन्हें विभिन्न योजनाओं में हो रहे रिसाव को रोक कर संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिहाज से भी सरकारी कदमों की जानकारी देनी है। इसी तरह रविशंकर प्रसाद को सूचना प्रौद्योगिकी, डीबीटी (सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे खाते में भेजना) और आधार के फायदे पर ध्यान देना है। उधर, प्रकाश जावड़ेकर, जेपी नड्डा और राधामोहन सिंह को सामाजिक क्षेत्र के लिहाज से अपने-अपने मंत्रालयों की उपलब्धि को विशेष तौर पर प्रचारित करने को कहा गया है। इन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के लिहाज से उठाए गए कदम और उनके नतीजों पर पूरी तैयारी कर जनता के बीच पहुंचने को कहा गया है।

    कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को इस दौरान महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देने को कहा गया है। मगर अनंत कुमार, राजीव प्रताप रूडी, मुख्तार अब्बास नकवी, एमजे अकबर, महेश शर्मा और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ इस टीम में सक्रियता से भाग ले रहे हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने भी अपने स्तर पर जोरदार तैयारी की है। इसमें परंपरागत साधनों के साथ ही उनकी सोशल मीडिया टीम भी लगी है।

    तीन साल की उपलब्धियों के सही प्रचार के लिए बनी टीम ने पांच ऐसे मुद्दों की भी पहचान की है, जिन पर सरकार को नकारात्मक चर्चा का मुकाबला करना पड़ा है। इसमें सबसे ऊपर है रोजगार पैदा नहीं कर पाने का विपक्ष का आरोप। इसके अलावा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खतरे और बुनियादी क्षेत्रों में संतोषजनक प्रदर्शन के अभाव के आरोप पर भी सरकार का पक्ष जनता के बीच रखना है। अगले दौर के सुधार की धीमी रफ्तार और कारोबार में आसानी लाने में खास प्रगति नहीं हो पाने को ले कर लग रहे आरोपों पर भी सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। इन मुद्दों पर बचाव की जिम्मेदारी खास तौर पर स्वपन दासगुप्ता और चंदन मित्रा को दी गई है।

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