शुरू नहीं हो सका जम्मू-कश्मीर सचिवालय में कामकाज
भयंकर बाढ़ से तबाह जम्मू-कश्मीर का सिविल सचिवालय 11 दिन बाद गुरवार को यहां खुल गया, लेकिन इस सात मंजिली इमारत के भूतल पर अभी भी तीन फीट पानी जमा होने के कारण कामकाज शुरू नहीं हो पाया। दफ्तर खुलने के समय सुबह 9.30 बजे बमुश्किल 10 फीसद कर्मचारियों ने मेन गेट पर रिपोर्ट किया। सचिवालय के विभिन्न विभागों में करीब चार हजार कर्म
श्रीनगर। भयंकर बाढ़ से तबाह जम्मू-कश्मीर का सिविल सचिवालय 11 दिन बाद गुरुवार को यहां खुल गया, लेकिन इस सात मंजिली इमारत के भूतल पर अभी भी तीन फीट पानी जमा होने के कारण कामकाज शुरू नहीं हो पाया।
दफ्तर खुलने के समय सुबह 9.30 बजे बमुश्किल 10 फीसद कर्मचारियों ने मेन गेट पर रिपोर्ट किया। सचिवालय के विभिन्न विभागों में करीब चार हजार कर्मचारी काम करते हैं।
कर्मचारी मेन गेट पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा रखे रजिस्टर पर अपनी हाजिरी दर्ज कर अपने-अपने घरों को लौट गए। मंत्रियों में सबसे पहले वन मंत्री मियां अल्ताफ अहमद 11 बजे पहुंचे। उनके बाद वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राथेर 11.20 बजे तथा पर्यटन मंत्री गुलाम अहमद मीर 11.30 बजे पहुंचे। हालांकि भूतल पर जलजमाव के कारण मंत्रीगण अंदर नहीं जा सके, लेकिन राज्य विधानसभा परिसर पहुंचे। यहां का पानी निकल चुका है। वे कुछ देर वहां रुके।
राज्य सरकार ने मंगलवार को घोषणा की थी कि सिविल सचिवालय 18 सितंबर से कामकाज शुरू कर देगा, लिहाजा कर्मचारी काम पर आएं। बहुत सारे कर्मचारियों ने 'जल्दबाजी' में सचिवालय खोलने के फैसले की आलोचना भी की।
एक महिला कर्मचारी बिल्किस ने कहा- 'वे [सरकार] कैसे हमसे ऑफिस पहुंचने की अपेक्षा करते हैं। इमारत के भूतल पर अभी भी तीन फीट पानी भरा है। ऑफिस पहुंचने के लिए सरकार को कम से कम एक नाव तो मुहैया करानी चाहिए।'
एक अन्य कर्मचारी ने कहा कि सचिवालय को खोलने का फैसला जम्मू-कश्मीर के लोगों पर आई विपदा का मजाक उड़ाना है। बशीर अहमद ने कहा कि यदि मंत्रीगण तथा वरिष्ठ अधिकारी दफ्तर खोलने को लेकर गंभीर होते तो उन्हें रिपोर्टिग टाइम पर यहां होना चाहिए था।'
हालांकि सरकार ने मेन गेट से सचिवालय बिल्डिंग तक पहुंचने के लिए ट्रकों का इंतजाम किया था, लेकिन कर्मचारी कहीं भी उतरने के बजाय मेन गेट पर लौट आए। सुरक्षा बलों ने मीडियाकर्मियों को मेन गेट से आगे नहीं जाने दिया।
पानी निकालने में चार दिन लगेंगे
परिसर से पानी निकालने के लिए दमकल की 15 गाड़ियां लगाई हैं, लेकिन दमकल तथा आपात सेवा विभाग का कहना है कि पानी निकालने में अभी कम से कम चार दिन और लगेंगे।
विभाग के एक कर्मचारी मोहम्मद इमरान ने कहा कि 'सचिवालय बहुत निचले इलाके में है। इसलिए आसपास के इलाकों से पानी सचिवालय की ओर आ रहा है, इससे पानी निकलने में देर लग रही है। आसपास के इलाकों से पानी निकलने तक सचिवालय परिसर से पानी निकालने में चार दिन से भी ज्यादा समय लगेगा।'
पीड़ितों तक पहुंचे मंत्रीगण
राज्य सरकार के मंत्रीगण अब पीड़ितों तक पहुंचने लगे हैं। उमर अब्दुल्ला सरकार ने कश्मीर घाटी में राहत एवं पुनर्वास का काम तेज कर दिया है। उच्च शिक्षा मंत्री मोहम्मद अकबर लोन, कृषि मंत्री गुलाम हसन मीर, वन मंत्री अल्ताफ अहमद तथा राजस्व राज्यमंत्री अजाज अहमद खान की टीम ने बुधवार को बारामुला, कुपवाड़ा तथा बांदीपोरा जिलों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। टीम की अगुवाई कर रहे लोन ने कहा कि सरकार ने बाढ़ पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए सभी जरूरी उपाय किए हैं।
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