सुरक्षित माहौल में सम्मानजनक वापसी चाहते हैं विस्थापित पंडित
कश्मीरी विस्थापित व्यवस्था में बदलाव के साथ-साथ सम्मानजनक तरीके से घाटी में अपने घरों में वापसी भी चाहते हैं। वे चाहते हैं कि कश्मीर में ऐसा माहौल बने ...और पढ़ें

जम्मू [जागरण ब्यूरो]। कश्मीरी विस्थापित व्यवस्था में बदलाव के साथ-साथ सम्मानजनक तरीके से घाटी में अपने घरों में वापसी भी चाहते हैं। वे चाहते हैं कि कश्मीर में ऐसा माहौल बने कि वे अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सकें। श्रीनगर संसदीय सीट के लिए बुधवार को हुए चुनाव में कश्मीरी विस्थापितों ने जम्मू में बने विशेष मतदान केंद्रों में वोट डाले।
महिला कॉलेज गांधीनगर में वोट डालने के लिए पहुंचे ओमेश ने कहा कि हम चाहते कि कश्मीरी विस्थापितों की सम्मानजक तरीके से वापसी हो। उनके मुद्दों को सुलझाया जाए। डायरेक्टर स्कूल एजूकेशन कार्यालय में मतदान करने वाली आरती ने कहा कि कश्मीरी विस्थापित पिछले कई वर्षो से विस्थापित बन कर जीवन व्यतीत कर रहे हैं। बेरोजगारी से लेकर कई ऐसे मसले हैं, जिनका समाधान नहीं हो पाया है। कश्मीर में ऐसा माहौल बनना चाहिए जिसमें अगर कश्मीरी पंडित अपने घरों को जाए तो उन्हें कोई परेशानी पेश न आए।
कश्मीरी विस्थापित अरविंद का कहना है कि अगर सरकार विस्थापितों को वापस घाटी भेजना चाहती है तो उसे कश्मीर में सुरक्षित माहौल तैयार करना होगा। एक ही जगह अगर विस्थापितों को बसाया जाए तो बेहतर होगा।
2437 विस्थापितों ने किया जम्मू में मताधिकार का प्रयोग
जम्मू : मतदाता सूचियों में नाम न होने की शिकायत के बावजूद जम्मू में रह रहे विस्थापित पंडितों ने श्रीनगर संसदीय सीट के लिए अपना वोट डाला। जम्मू में विस्थापितों के लिए बनाए गए तेरह केंद्रों में मतदान शांतिपूर्ण रहा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कुल पांच हजार एक सौ आठ कश्मीरी पंडित मतदाताओं में से दो हजार चार सौ सैंतीस मतदाताओं ने वोट डाला। सबसे अधिक वोट माईग्रेंट स्कूल रूपनगर में डाले गए। वहां पर 371 पंडित मतदाताओं ने अपने मत के अधिकार का इस्तेमाल किया।

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