मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेनन की दया याचिका खारिज
मुंबई में 1993 में हुए सीरियल बम धमाकों में मौत की सजा पाए याकूब अब्दुल रजाक मेनन की दया याचिका राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ठुकरा दी है। राष्ट्रपति के निर्णय से महाराष्ट्र सरकार को अवगत करा दिया गया है।
नई दिल्ली। मुंबई में 1993 में हुए सीरियल बम धमाकों में मौत की सजा पाए याकूब अब्दुल रजाक मेनन की दया याचिका राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ठुकरा दी है। राष्ट्रपति के निर्णय से महाराष्ट्र सरकार को अवगत करा दिया गया है।
घटनाक्रम से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार और गृह मंत्रालय की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रपति ने याकूब मेनन की दया याचिका ठुकराई। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट और भगोड़े आतंकी टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन को 1994 में काठमांडू हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। टाडा की विशेष अदालत ने वर्ष 2007 में याकूब को आपराधिक षड्यंत्र रचने और धमाके से जुड़े अन्य आतंकियों के लिए धन की व्यवस्था करने का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा दी थी। फैसले में याकूब को मुंबई सीरियल धमाके का सरगना करार दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने मार्च, 2013 में विशेष अदालत के फैसले पर मुहर लगाई थी। अक्टूबर, 2013 में याकूब ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की। महाराष्ट्र सरकार ने याकूब की याचिका खारिज करने की मांग की थी। वर्ष 1993 में हुए धमाके में 257 लोगों की मौत हो गई थी और 713 अन्य घायल हो गए थे।
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