कश्मीर में कर्फ्यू हटते ही फिर हिंसा, PoK में भी हिंसक प्रदर्शन
विभिन्न इलाकों में पुलिस और प्रदर्शनकारियो के बीच फिर हिंसा शुरू हो गई। उधर पाक अधिकृत कश्मीर में भी इलेक्शन को लेकर हिंसक वारदात शुरु हो गई है।
श्रीनगर/ मुजफ्फराबाद। जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू हटते ही फिर हिंसा शुरु हो गई। प्रशासन ने मंगलवार को अनंतनाग को छोड़कर वादी के अन्य सभी जिलों से कर्फ्यू पूरी तरह से हटा लिया, लेकिन इसके साथ ही विभिन्न इलाकों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच फिर हिंसा शुरू हो गई। वहीं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 21 जुलाई को हुए चुनाव की प्रमाणिकता को लेकर भारी विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। पूरे इलाके में लोग सड़क पर उतर आए हैं।
इस चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग को 42 में से 32 सीटों पर जीत मिली थी।चुनावी प्रक्रिया और नतीजों के विरोध में मुजफ्फराबाद, कोटली, चिनारी और मीरपुर में लोग भारी संख्या में सड़क पर निकल गए हैं। गुस्से में लोगों ने सड़क पर टायर भी जलाए।
मुस्लिम कॉन्फ्रेंस (एमसी) के एक समर्थक को पीएमएल (एन) के सदस्यों ने मुजफ्फराबाद में हत्या कर दी थी। इसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पाकिस्तानी प्रशासन ने मीडिया को इसकी रिपोर्टिंग करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वास्तविक वोटर्स को वोटिंग से दूर रखा गया। कहा जा रहा है कि आईएसआई ने पीएमएल को जिताने की लिए चुनावो में धांधली की।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हुए चुनाव को लोग फर्जी बता रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इन्होंने चुनाव में धांधली को लेकर शिकायत भी की लेकिन किसी ने सुनी नहीं। चुनावी प्रक्रिया में धांधली का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने बताया है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब चुनाव के नाम कुछ भी निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ। हर चुनाव में यह देखने को मिलता है कि लोग सड़क पर उतरते हैं और मीडिया में रिपोर्टिंग को बैन कर दिया जाता है। हर चुनाव में विदेशी पर्यवेक्षकों को भी नहीं आने दिया जाता है।
वहीं कश्मीर में अलगाववादी समर्थकों ने पाक व आइएस के झंडे लेकर जुलूस निकाला और देश विरोधी नारेबाजी भी की। इसके बाद कई जगहों पर पुन: प्रशासनिक पाबंदियां लागू हो गई। हिंसक झड़पों में 15 सुरक्षाकर्मियों समेत 40 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। इस बीच, रात बारह बजे वादी मे प्राइवेट कंपनियों की पोस्ट पेड मोबाइल सेवा बहाल कर दी, जबकि बीएसएनएल की पोस्ट पेड मोबाइल सेवा पहले से प्रभावी है। प्रशासनिक पाबंदियां हटने के बाद श्रीनगर के डाउन-टाउन मे ही नहीं वादी में अन्यत्र भी लोगों ने सार्वजनिक स्थलों, गलियां-बाजारों व सड़कों पर राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करते जुहर की नमाज अदा की।
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वादी मे आठ जुलाई को हिज्ब आतंकी बुरहान व उसके दो साथियों के मारे जाने के बाद से ही हालात बिगड़े हुए है। हिंसक प्रदर्शनों मे 53 लोग मारे जा चुके है, पांच हजार से ज्यादा लोग जख्मी है। इनमें 3500 के करीब सुरक्षाकर्मी ही है। हालात पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू का सहारा लिया था।
हालात मे आंशिक सुधार को देखते हुए प्रशासन ने 26 जुलाई को श्रीनगर शहर से कर्फ्यू पूरी तरह हटाने का एलान कर दिया। हालांकि बारामुला, गांदरबल, बड़गाम और बांडीपोर मे गत रोज भी कर्फ्यू नही था, लेकिन कर्फ्यू जैसी प्रशासनिक पाबंदिया थी, लेकिन श्रीनगर, बड़गाम, गांदरबल, कुपवाड़ा, बांडीपोर और बारामुला मे कर्फ्यू नही रहा।
प्रशासन द्वारा कर्फ्यू हटाए जाने का एलान करते हुए श्रीनगर समेत सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे, ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके, लेकिन इनका असर नजर नही आया। डाउन-टाउन के काकसराय, छलााबल, जांपाकदल, सफाकदल, खानयार, वातलकदल, आलीकदल, फतेहकदल में लोगों ने आजादी समर्थक और भारत विरोधी नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाना शुरू कर दिए। सुरक्षाबलों ने जब लोगों को रोकना चाहा तो वह पथराव करने लगे। सुरक्षाबलों ने भी उन्हे खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया। इस दौरान एक जुलूस ने लालचौक की तरफ बढ़ने का प्रयास किया, जिसे जहांगीर चौक मे पुलिस ने रोका और हिंसक झड़पे हुई। मैसूमा मे भी हिंसा हुई। वातलकदल में तीन, छलााबल में दो, खानयार में चार तथा काका सराय में चार प्रदर्शनकारी घायल हो गए। पांच सुरक्षाकर्मी भी जख्मी हुए। हालांकि बारामुला मे स्थिति पूरी तरह शांत रही, लेकिन सोपोर, पट्टन, पलहालन व तापर और कुपवाड़ा के कुछ हिस्सों के अलावा दक्षिणी कश्मीर के डूरी, यारीपोरा, दम्हाल हांजीपोरा, मुरन, काकापोरा, खुडवनी, काडीपोरा, आंचीडूरा, त्राल, पांपोर, कुलगाम और शोपियां मे भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा हुई। इनमें सात सुरक्षाकर्मियों समेत पांच लोग जख्मी हुए है।
वही देर शाम अनंतनाग मे फिर हिंसक झड़पे हुई। उत्तेजक नारेबाजी कर रही भीड़ पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान एक महिला समेत आठ प्रदर्शनकारी व चार सुरक्षाकर्मी घाायल हो गए। प्रदर्शनकारी कथित तौर पर पैलेट गन से जख्मी है।
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नही खुली दुकाने
अलगाववादियों ने मंगलवार को लोगों से दोपहर दो बजे के बाद अपनी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान खोलने को कहा था। कर्फ्यू भी सुबह प्रशासन ने हटा लिया, लेकिन लालचौक, राजबाग, जवाहर नगर समेत सिविल लाइन इलाकों मे कुछ दुकानें खुली नजर आई। लेकिन डाउन-टाउन मे दोपहर दो बजे के बाद भी दुकाने बंद रही। कुछ दुकानदारों ने दुकाने खोली थी, लेकिन मोटरसाइकिल पर आए कुछ युवकों ने उनके साथ मारपीट कर दुकानों को बंद करा दिया। शहर की सड़कों पर वाहनों की भीड़ खूब रही।
स्कूल-कॉलेज रहे बंद
प्रशासन ने हालांकि दक्षिण कश्मीर के अलावा वादी के अन्य सभी हिस्सों मे स्कूल-कॉलेज खोलने का आदेश दिया है। स्कूलों मे छुट्टियां भी समाप्त कर दी गई है और अभिभावकों से कहा गया है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजे, लेकिन किसी जगह शिक्षण संस्थान खुले नजर नही आए। श्रीनगर मे लड़कियों का सबसे बड़ा स्कूल कोठीबाग गर्ल्स हाईस्कूल और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था वाले मार्ग मौलाना आजाद रोड पर स्थित महिला राजकीय महाविद्यालय, एसपी कॉलेज, अमर सिंह कॉलेज व अन्य सरकारी और निजी स्कूल भी बंद रहे।
पथराव के दौरान गिरकर मौत
श्रीनगर के ईदगाह इलाके मे अचानक पथराव शुरू हो जाने से स्कूटी पर कही जा रहा 61 वर्षीय मुश्ताक अहमद असंतुलित होकर गिर पड़ा। मुश्ताक को सिर मे गहरी चोट आई। उन्हे सौरा अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
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