एकेडमिक काउंसिल की बैठक में शामिल किए गए अहम मुद्दे
दिल्ली विश्वविद्यालय में सात और आठ मई को एकेडमिक काउंसिल की 30 घंटे चली लंबी बैठक में ग्रेजुएशन कोर्स चार साल करने के फैसले पर मुहर लगा दी गई। इसके साथ ही एक्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक में 50 और मुद्दों पर चर्चा हुई।
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में 7 और 8 मई को एकेडमिक काउंसिल की 30 घंटे चली लंबी बैठक में ग्रेजुएशन कोर्स चार साल करने के फैसले पर मुहर लगा दी गई। इसके साथ ही एक्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक में 50 और मुद्दों पर चर्चा हुई।
-एकेडमिक काउंसिल के सदस्य डॉ. राजेश झा ने बताया कि बैठक में कई अहम मुद्दे शामिल रहे।
-शारीरिक रूप से अक्षम छात्रों के लिए विशेष जरूरतों पर होगा विचार, बनेगी अलग कटऑफ।
-आंतरिक मूल्यांकन में उपस्थिति पर दिए जाने वाले 5 अंक हटा लिए गए। अब 15 अंक का ग्रुप प्रेजेंटेशन और 10 अंकों का क्लास टेस्ट होगा।
-नए कोर्स में पास होने के लिए एग्रिगेटेड अंक में 40 प्रतिशत पर सहमति बनी है।
-स्पैन पीरियड 10 साल का किया गया। 6 साइकोलॉजी के छात्रों को भी मिलेगी बीटेक की डिग्री।
-बैचरलेट नहीं, मिलेगी बैचलर की डिग्री
-अंडरग्रेजुएट कोर्स के छात्र भी सातवें और आठवें सेमेस्टर में करेंगे शोध
-इंट्रीगेट्रेड माइंड बॉडी एंड हर्ट कोर्स करेगा युवा वर्ग को जीवन मूल्यों के प्रति सजग
-खेल और सह शैक्षणिक कायरें के भी मिलेंगे क्रेडिट 1-8 तक दी जा सकती है क्रेडिट
-समग्र दृष्टिकोण विकसित करने के लिए भाषा सहित 11 फाउंडेशन कोर्स
भारतीय भाषाओं के प्रोत्साहन पर विशेष जोर
बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज, बैचलर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स और बैचलर ऑफ फाइनेंसियल एंड एनालिटिकल इंस्ट्रूमेंट को मिलाकर अब बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज हो गया है।
-फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज पहली बार ग्रेजुएशन के कोर्स का देखरेख कर रहा है।
-अप्लीकेशन कोर्स की नहीं होगी परीक्षा, कांटिन्युइंग एंड कांप्रिहेंसिव इवैल्युवेशन होगा।
-प्रैक्टिकल परीक्षा में आधे अंक निरंतर मूल्यांकन और आधे अंक सत्रंत परीक्षण के होंगे।
-एसटी, एससी, पीएच के लोगों का सामान्य वर्ग की तरह होगा प्रवेश।
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