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    एक गद्दार सैनिक की प्रेम कहानी

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    Updated: Sun, 24 Aug 2014 08:34 AM (IST)

    सेना के जवान सुनीत कुमार की आइएसआइ एजेंट बनने की कहानी नाटकों से भी ज्यादा नाटकीय है। फेसबुक से शुरू हुई अनजाने में एक प्रेम कहानी देश के लिए गद्दारी तक पहुंच गई।

    जागरण संवाददाता, मेरठ। सेना के जवान सुनीत कुमार की आइएसआइ एजेंट बनने की कहानी नाटकों से भी ज्यादा नाटकीय है। फेसबुक से शुरू हुई अनजाने में एक प्रेम कहानी देश के लिए गद्दारी तक पहुंच गई।

    पाकिस्तानी जासूस युवती से उसकी फेसबुक पर दोस्ती तब शुरू हुई, जब वह पिता की इच्छा के मुताबिक सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने की तैयारी कर रहा था। स्टूडेंट बताकर आर्मी पर रिसर्च करने की बात कहते हुए उसकी महिला दोस्त ने सुनीत से सेना की जानकारी हासिल की। आसिफ अली की गिरफ्तारी के बाद उसने अपने एकाउंट से आइएसआइ एजेंट प्रेमिका को हटा दिया। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, पालमपुर अंद्रेटा निवासी रिटायर्ड सुबेदार देशराज के बेटे सुनीत कुमार का शुरू से कंप्यूटर में मन लगता था। लेकिन पापा चाहते थे कि वह भी देश की सेवा करने में अपना जीवन लगाएं। इसलिए दिसंबर 2012 में उसे सेना में भर्ती करा दिया था। सुनीत ने भर्ती से तीन वर्ष पहले सुनीत ग्रेट नाम से अपने फेसबुक एकाउंट पर खुद को पंजाब की बताने वाली पूनम प्रकाश लोरिडा से दोस्ती कर ली। पूनम ने बताया कि वह यूएसए में रहती है, वहां रहकर आर्मी पर रिसर्च कर रही है। इससे पहले पूनम सुनीत के दोस्त मनोहर सिंह की फ्रेंड लिस्ट में थी। सुनीत एक दोस्त की तरह पूनम से वार्ता करते रहे। पूनम के कहने पर नौ दिसंबर 2013 को सुनीत ने अपना नाम बदलकर शानू सेन (प्रिंस) के नाम से फर्जी आइडी तैयार की। उसके बाद दोनों की चैटिंग रात-रात भर होने लगी। फेसबुक पर रोमांस शुरू हुआ और दोनों में प्यार हो गया। बात शादी करने तक पहुंच गई थी। 2015 में पूनम ने पढ़ाई पूरी करने के बाद वापस आने का भरोसा दिलाया था।

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    एसटीएफ के मुताबिक, पूनम ने सुनीत से बबीना की सेना यूनिट का नंबर लिया। आर्मी के बारे में जानकारी लेने के बाद उसका बैंक एकाउंट भी पता किया। माना जा रहा है कि उसमें सुनीत के लिए रकम भी डाली जाती थी। पहले गूगल व फेसबुक चैटिंग के जरिए जानकारी लेती रही। जून 2014 में आसिफ अली से एक लैपटॉप दिलवाया गया।

    पूनम ने आसिफ को अपना परिचित बताया था। उस लैपटॉप का मैक आइडी पाकिस्तान में जाहिद खोलकर सभी जानकारी हासिल कर लेता था। आसिफ की गिरफ्तारी के बाद 18 अगस्त को पूनम ने लैपटॉप को फार्मेट करने के लिए सुनीत को फोन किया था। उसने कहा कि उसे फार्मेट नहीं कर पाया। एसटीएफ ने लैपटॉप को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।

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