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    कांग्रेस ने मानी हार, लेकिन राहुल नहीं जिम्मेदार

    By Abhishek Pratap SinghEdited By:
    Updated: Thu, 19 May 2016 12:37 PM (IST)

    Assembly Election Result: एक तरह से देखा जाए और बीजेपी के शब्दों में कहा जाए तो देश ‘कांग्रेसमुक्त भारत’ की ओर बढ़ रहा है। अभी तक के रुझान से साफ है कि कांग्रेस ने केरल और असम जैसे

    नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने शुरू हो गए हैं अगर नतीजों को एक शब्द में कहा जाए तो कांग्रेस का तख्ता पलट गया है। केरल में कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ है तो असम में पहली बार कमल खिलेगा, इन सब के बीच कांग्रेस ने तो अपनी हार भी मान ली है।

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    कांग्रेस नेता पीसी चाको ने कहा है कि हां उनकी पार्टी हार रही है और इस हार की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या इस हार के जिम्मेदार राहुल गांधी हैं तो उन्होंने साफ मना कर दिया उन्होंने कहा कि हार के लिए राहुल जिम्मेदार नहीं हैं।

    इससे भी ज्यादा रोचक बात यह है कि इससे पहले जब दिल्ली में एमसीडी के उपचुनाव हुए थे तो कांग्रेस को कुछ सीटें मिल गई थीं और कांग्रेस की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था ऐसे में जब पार्टी से पूछा गया कि इस जीत का श्रेय किसको देना चाहेंगे तो तपाक से जवाब मिला था राहुल गांधी और जब पांच राज्यों में कांग्रेस की हार सामने आ रही है तो पार्टी राहुल का नाम लेने से बच रही है।

    ट्विटर पर #KeralaElectionResults ट्रेंड कर रहा है और इस हैश टैग के साथ लगभग 2,500 ट्वीट किए जा चुके हैं।

    इधर, हाल ही में बिहार चुनावों में हार, फिर उत्तराखंड में जिस तरह की स्थितियां बनीं और फिर केरल, असम, पश्चिम बंगाल और पांडिचेरी में हुए विधानसभा चुनावों के आ रहे परिणामों में कांग्रेस की की हार के संकेत मिल रहे हैं, ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर कांग्रेस की सरकार क्या देश के सभी राज्यों से उखड़ जाएगी? क्या संगठन के स्तर पर पार्टी में दिखाई दे रहा बिखराव खतरनाक नहीं है।

    एक तरह से देखा जाए तो बीजेपी के शब्दों में कहा जाए तो देश ‘कांग्रेसमुक्त भारत’ की ओर बढ़ रहा है। अभी तक के रुझान से साफ है कि कांग्रेस ने केरल और असम जैसे दो अहम राज्यों में अपनी सत्ता गंवा दी है। पश्चिम बंगाल में लेफ्ट के साथ किया गया उसका गठबंधन काम नहीं आया और वहां ममता बनर्जी का जादू फिर सिर चढ़कर बोला। तमिलनाडु में डीएमके के साथ कांग्रेस के गठबंधन को भी जनता ने नकार दिया।

    इसके साथ ही ट्विटर पर #CongressMuktBharat भी ट्रेंड कर रहा है जिसको लेकर अब तक 4 हजार ट्वीट किए जा चुके हैं।

    कांग्रेस को उम्मीद थी कि वह लेफ्ट और डीएमके के साथ गठबंधन कर अपनी नैया उसी तरह पार लगा लेगी जैसा उसने बिहार में किया था लेकिन इन दोनों राज्यों में उसका पासा बुरी तरह पलटा। कांग्रेस खुद तो हारी ही, लेफ्ट और डीएमके उसके साथ मिलकर सम्मानजनक सीटें भी नहीं ला सकीं। कांग्रेस अब देश के राजनीतिक दृष्टि से एकमात्र अहम राज्य कर्नाटक की सत्ता में ही मौजूद है।

    हालांकि उसके हिस्से में हिमाचल, उत्तराखंड जैसे छोटे-छोटे राज्य हैं, लेकिन राजनीतिक दृष्टि से देश के पटल पर उनकी अहमियत काफी कम है। 5 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान असम, तमिलनाडु और केरल में हुआ माना जा रहा है। असम में पार्टी ने 15 साल की सत्ता गंवा दी तो केरल और तमिलनाडु में उसे मुंह की खानी पड़ी। यह तब है जब एग्जिट पोल में तमिलनाडु में डीएमके और कांग्रेस गठबंधन की जीत को तय बताया जा रहा था।

    केरल में सोलर घोटाला मामला कांग्रेस के लिए घातक सिद्ध हुआ। परिणामों से साफ है कि जनता अभी तक न कांग्रेस के करप्शन को भूल पाई है और न ही 2जी, या करुणानिधि परिवार के साथ इसके कनेक्शन को।

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