लोकपाल बिल राज्यसभा में पेश, सोमवार को होगी बहस
अन्ना हजारे के अनशन पर बैठते ही सरकार तहखाने में पड़े लोकपाल विधेयक को फिर सामने ले आई है। सरकार की ओर से शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री नारायण सामी ने इस बिल को राज्यसभा में पेश किया। इस बिल पर बहस अब सोमवार को होगी। लेकिन हंगामे के बाद रा'यसभा की कार्यवाही को 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले भी महंगाई सहित अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण रा'यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्
नई दिल्ली। अन्ना हजारे के अनशन पर बैठते ही सरकार तहखाने में पड़े लोकपाल विधेयक को फिर सामने ले आई है। सरकार की ओर से शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री नारायण सामी ने इस बिल को राज्यसभा में पेश किया। इस बिल पर बहस अब सोमवार को होगी। लेकिन हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही को 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले भी महंगाई सहित अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई थी।
गौरतलब है कि भाजपा भी लोकपाल के पक्ष में खड़े होने का मौका नहीं खोना चाहती। पार्टी ने हालांकि आरोप लगाया है कि सरकार की लोकपाल विधेयक को पारित करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। जदयू और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [राकांपा] ने भी विधेयक के समर्थन का एलान किया है, लेकिन सपा ने इसे फिजूल बताया है।
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संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को कहा, 'लोकपाल बिल हमारी प्राथमिकता में है। इसे राज्यसभा में लाया जाएगा। इसके बाद विधेयक को दोबारा लोकसभा में लाना होगा।' लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि उनकी पार्टी जल्द से जल्द इस बिल को पारित करने के पक्ष में है, लेकिन सरकार इसे पास ही नहीं कराना चाहती। इसलिए शीतकालीन सत्र को समय से पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की तैयारी कर रही है।
ऐसी चर्चाओं के बारे में पूछने पर कमलनाथ ने संसद सत्र को समय से पहले स्थगित करने की तैयारियों से इन्कार किया। तय कार्यक्रम के मुताबिक मौजूदा सत्र अगले हफ्ते शुक्रवार तक चलना है।
कई अन्य पार्टियां भी लोकपाल बिल के समर्थन में आ खड़ी हुई हैं। जदयू के केसी त्यागी ने कहा कि अन्ना ने इस पर समर्थन के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी है। पार्टी के अपने सुझाव हैं, लेकिन वह लोकपाल बिल के पक्ष में है।
इसी तरह राकांपा के डीपी त्रिपाठी ने भी बिल को मौजूदा सत्र में ही पारित करने की वकालत की है। सपा अकेला ऐसा दल है जो लोकपाल का खुलकर विरोध कर रहा है। सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी इस बिल का किसी कीमत पर समर्थन नहीं करेगी। लेकिन, इसका कोई कारण उन्होंने नहीं बताया है।
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