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    सभी राजनीतिक दलों में हैं टिकट वितरण से नाराज नेता

    By Edited By:
    Updated: Wed, 24 Sep 2014 09:27 AM (IST)

    टिकट वितरण से नाराज नेता सभी दलों में हैं मगर भाजपा व कांग्रेस के नेताओं की अंतर्कलह सड़कों पर है। यह अंतर्कलह सियासी अखाड़े में भी अपना रंग दिखाएगी। अभी तक सबसे ज्यादा खींचतान भाजपा नेताओं के बीच रही। एक सीट से 10 से 15 दावेदारों के बीच जब एक नेता को टिकट मिला तो टिकटार्थियों का रोष आग

    फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। टिकट वितरण से नाराज नेता सभी दलों में हैं मगर भाजपा व कांग्रेस के नेताओं की अंतर्कलह सड़कों पर है। यह अंतर्कलह सियासी अखाड़े में भी अपना रंग दिखाएगी।

    अभी तक सबसे ज्यादा खींचतान भाजपा नेताओं के बीच रही। एक सीट से 10 से 15 दावेदारों के बीच जब एक नेता को टिकट मिला तो टिकटार्थियों का रोष आग पर रखे दूध की तरह उफन गया। दो क्षेत्रों में तो ऐसे उम्मीदवारों का नाम सामने आया, जो टिकटार्थियों में शामिल भी नहीं थे। केवल भाजपा ही नहीं कांग्रेस में तो टिकट वितरण से पहले ही नेताओं की खींचतान सामने आ गई है।

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    कांग्रेस में शारदा राठौर प्रकरण के बाद निर्दलीय विधायक शिवचरण लाल शर्मा और बाद में पूर्व कैबिनेट मंत्री एसी चौधरी की पार्टी नेताओं से नाराजगी जगजाहिर है। शारदा राठौर ने तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर पर सीधा प्रहार किया जबकि निर्दलीय शिवचरण लाल शर्मा ने स्वयं मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निमंत्रण के बावजूद भी कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया। शर्मा पूरे पांच साल हुड्डा सरकार में राज्य मंत्री रहे हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री एसी चौधरी को पार्टी 2009 की तरह एनआइटी क्षेत्र से ही टिकट देना चाहती है मगर चौधरी बड़खल क्षेत्र से टिकट चाहते हैं। उन्होंने बड़खल से टिकट नहीं दिए जाने पर पार्टी को अलविदा कहने तक की धमकी दे रखी है।

    भारतीय जनता पार्टी के तीन बड़े नेताओं ने टिकट नहीं मिलने पर खुलेआम विद्रोह किया तो तीनों को ही इनेलो ने लपक लिया। बड़खल क्षेत्र से पूर्व विधायक चंदर भाटिया और फरीदाबाद से 2009 में पार्टी टिकट पर चुनाव लड़े प्रवेश मेहता ने इनेलो का दामन थाम लिया है। माना जा रहा है कि इनेलो इन नेताओं को चुनाव लड़ाएगी। इसके अलावा बल्लभगढ़ से भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष दीपक चौधरी भी इनेलो में शामिल हो गए हैं।

    नुकसान से बचना चाहती है कांग्रेस

    कांग्रेस के टिकट वितरण में देरी का कारण सिर्फ और सिर्फ अंतर्कलह से बचना माना जा रहा है। कांग्रेस के रणनीतिकार मानते हैं कि जितनी देर से कांग्रेस के टिकट घोषित होंगे उतना ही पार्टी को टिकटार्थी नेताओं की नाराजगी से नुकसान कम होगा।

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