जज के खिलाफ महिला सहकर्मी के यौन उत्पीड़न का केस दर्ज
लेबर कोर्ट के एक जज के खिलाफ महिला सहकर्मी के यौन उत्पीड़न, शराब पीने व शराब रखने के मामले में यहां तीन प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। पुलिस ने बताया कि एक प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) के तहत जबकि दो गुजरात निषेध कानून के तहत दर्ज की गई हैं। पुलिस के अनुसार, श्रम न्यायालय के न्यायाधीश
वलसाड (गुजरात)। लेबर कोर्ट के एक जज के खिलाफ महिला सहकर्मी के यौन उत्पीड़न, शराब पीने व शराब रखने के मामले में यहां तीन प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।
पुलिस ने बताया कि एक प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता के तहत जबकि दो गुजरात निषेध कानून के तहत दर्ज की गई हैं। पुलिस के अनुसार, श्रम न्यायालय के न्यायाधीश डीएस चौधरी अपनी महिला टाइपिस्ट को पिछले तीन महीने से परेशान कर रहे थे। वलसाड जिले की रहने वाली उस लड़की ने इसकी जानकारी अपने माता-पिता को दी। गुरुवार को वह बस से उतरकर अपने पिता के साथ एक दोपहिया वाहन से घर लौट रही थी। सोमवार से छुट्टी पर गए चौधरी उसका पीछा करते हुए उसके गांव तक पहुंच गए। लड़की के पिता ने जज को चेताया लेकिन वह नहीं माने। गांव वाले जुट गए और उन्होंने चौधरी की पहले पिटाई की और फिर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। घटना के समय पुलिस को जज की कार में बीयर की बोतल भी मिली। इसी वजह से निषेध कानून के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया। सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार, यदि किसी जज को गिरफ्तार करना हो तो पहले हाई कोर्ट से इजाजत लेनी होती है। इसे देखते हुए पुलिस ने गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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