PM के दौरे की विदेशी मीडिया में धूम, बताया गतिशील है मोदी सरकार
अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बेहतर संबंधों के लिए सफल कूटनीति को बेहतर औजार के रूप में देखा जाता है। 5 देशों के पीएम के दौरे को विदेशी मीडिया इसी नजरिये से देख रहे हैं।
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी इन दिनों पांच देशों की यात्रा पर हैं। अफगानिस्तान और कतर की यात्रा के बाद वो स्विटजरलैंज के दौरे पर हैं। इसके बाद वो अमेरिका और मैक्सिको का दौरा करेंगे। अंतरराष्ट्रीय जगत में इस दौरे को एक बड़े परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है। विदेशी मीडिया में पीएम के इस दौरे की काफी चर्चा है। मशहूर विदेशी पत्रिका द इकोनॉमिस्ट ने कहा कि पीएम मोदी के दौरे से ये साबित होता है कि भारत की मौजूदा सरकार गतिशील है। सरकार घरेलू मोर्चों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय पटल पर बेहतर काम कर रही है।आइए जानने की कोशिश करते हैं कि पीएम की पांच देशों की यात्रा पर द इकोनॉमिस्ट किस नजरिए से देख रहा है।
मेरी किस्मत कहिए, भारत सबसे तेजी से विकास कर रहा है-पीएम मोदी
भारत के लिए अफगानिस्तान का मतलब
पीएम के अफगानिस्तान दौरे में सलमा बांध का उद्घाटन दोनों देशों के लिए बड़ी कामयाबी बतायी जा रही है। सलमा बांध पर पिछले एक दशक से काम चल रहा था। लेकिन अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों की वजह से कई बार अड़चने आयीं। इस बांध के निर्माण के साथ ही अफगानिस्तान न केवल भारत के करीब आया है। बल्कि दुनिया में भारत ने अपनी काबिलियत का परचम भी लहराया है। इसके अलावा स्थिर अफगानिस्तान का होना भारत के लिए बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्तान के घरेलू मामलों में पाकिस्तान का दखल जितना कम होगा। भारत उतनी ताकत के साथ आतंकी संगठनों से मुकाबला कर सकेगा। पिछले महीने ही अफगानिस्तान और इरान ने तेहरान में चाबहार बंदरगाह को विकसित करने पर सहमति जताई थी। जिससे भारत को खाड़ी के देशों में व्यापार के लिए काफी मदद मिलेगी।
ऊर्जा जरुरतों के लिए कतर है खास
अफगानिस्तान के दौरे के बाद पीएम ने कतर की यात्रा की। इस यात्रा में दोनों देशों के बीच सात अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। राजनीति के जानकारों का कहना है कि कतर के साथ बेहतर संबंध होने से भारत की ऊर्जा संबंधी जरूरते पूरी होंगी। इसके साथ मुस्लिम देशों में ये संदेश जाएगा कि भारत मुस्लिम देशों के खिलाफ कभी नहीं रहा है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वो किसी खास मजहब को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता है। इसके अलावा वो पाकिस्तान को अलग-थलग करने में भारत को कामयाबी मिलेगी। दोहा यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने वहां मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि वैश्विक मंदी और भारत के कई राज्यों में सूखे और कमजोर मानसून के बावजूद भारत ने 7.9 फीसदी की विकास दर हासिल की है।
स्विटजरलैंड दौरा और काले धन का मुद्दा
पीएम का स्विटजरलैंड का दौरा भी आम दौरों से हटकर है। काले धन के खिलाफ भारत की लड़ाई में स्विटजरलैंड अहम भूमिका निभा सकता है। इससे पहले पीएम मोदी ने कहा था कि यूरोप में स्विटजरलैंड भारत का अहम सहयोगी रहा है। पीएम के इस दौरे में स्विटजरलैंड द्वारा भारत में निवेश की संभावना पर भी विचार किया जाएगा। इसके अलावा पीएम सर्न में काम करने वाले भारतीय वैज्ञानिकों से भी बात करेंगे। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी परमाणु निर्यातक समूह में शामिल होने के लिए स्विटरजरलैंड सरकार से सहयोग की मांग करेंगे।
अमेरिका का दौरा, चीन और पाक पर निशाना
पीएम नरेंद्र मोदी का सत्ता संभालने के बाद अमेरिकी प्रशासन के साथ संबंधों में मजबूती आयी है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि अमेरिकी दौरे में पाकिस्तान के साथ-साथ चीन पर भी दबाव बढा़ने की कोशिश होगी। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा कई बार पीएम मोदी के विजन की तारीफ कर चुके हैं। प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। अमेरिकी बिजनेस काउंसिल के सदस्यों के साथ मुलाकात में वो भारत में निवेश की संभावनाओं पर बातचीत होने की उम्मीद है। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक राष्ट्रपति ओबामा और पीएम मोदी जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा और कूटनीतिक सहयोग के मुद्दे पर बातचीत करेंगे।
मैक्सिको का दौरा
भारत लौटने से पहले पीएम मोदी 8 जून को मैक्सिको जाएंगे जहां वो मैक्सिको के राष्ट्रपति इनरिक पेना नीटो से द्विपक्षीय सहयोग और भारत को एनएसजी की सदस्यता दिलाने के लिए मैक्सिकों से सहयोग के लिए अनुरोध करेंगे।
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