Move to Jagran APP

लापता बच्चों को ढूंढेगा मोदी सरकार का 'खोया-पाया' पोर्टल

लापता बच्चों की खोज के लिए सरकार तकनीक का पूरा सहारा लेगी। अब हजारों लोग मिलकर लापता बच्चा ढूंढेंगे और कोई ऐसा भी हो सकता है जो बच्चे का पता बता दे। इसके लिए बस आपको गुमशुदा बच्चे का ब्योरा और फोटो 'खोया-पाया' पोर्टल पर डालना होगा।

By Sumit KumarEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2015 03:13 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2015 06:09 AM (IST)
लापता बच्चों को ढूंढेगा मोदी सरकार का 'खोया-पाया' पोर्टल

नई दिल्ली। लापता बच्चों की खोज के लिए सरकार तकनीक का पूरा सहारा लेगी। अब हजारों लोग मिलकर लापता बच्चा ढूंढेंगे और कोई ऐसा भी हो सकता है जो बच्चे का पता बता दे। इसके लिए बस आपको गुमशुदा बच्चे का ब्योरा और फोटो 'खोया-पाया' पोर्टल पर डालना होगा।

loksabha election banner

सरकार ने गुमशुदा बच्चों की सूचना आदान प्रदान करने के लिए 'खोया-पाया' पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल पर कोई भी नागरिक गुमशुदा या कहीं मिले बच्चे अथवा वयस्क की सूचना अपलोड कर सकता है। मंगलवार को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने मिलकर यह पोर्टल जारी किया।

पोर्टल जारी करते हुए महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि गुमशुदा बच्चों का पता लगाने के लिए यह पोर्टल सशक्त मंच साबित होगा। प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि डिजिटल तकनीकी का इस्तेमाल गरीबों की मदद के लिए हो और यह पोर्टल विशेषषतौर पर गरीबों के गुमशुदा बच्चों को ढूंढने का जरिया बनेगा।

उन्होंने कहा कि अमीरों के बच्चे गायब नहीं होते और अगर गुम भी हो जाते हैं तो मिल जाते हैं। लेकिन गरीब का बच्चा अगर गुम हो जाता है, तो जल्दी नहीं मिलता। गरीब व्यक्ति कुछ दिन तक अपना बच्चा ढूंढता है और फिर संसाधनों की कमी के चलते चुपचाप बैठ जाता है। यह पोर्टल ऐसे ही साधन हीन लोगों की मदद करेगा। लापता बच्चे की सूचना आदान प्रदान करने वाला 'खोया--पाया' एप मुफ्त में मोबाइल पर भी डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें सिर्फ लापता नहीं बल्कि पाए गए बच्चों की भी जानकारी दी जा सकती है।

मेनका गांधी ने कहा कि अभी भी लापता बच्चों का पोर्टल है, लेकिन यह पोर्टल फिलहाल पुलिस द्वारा संचालित होता है। इसमें उन्हीं लापता बच्चों का ब्योरा होता है, जिसकी पुलिस में सूचना दी जाती है। लेकिन इस नये पोर्टल में पुलिस में केस दर्ज कराने से पहले भी गुमशुदा की सूचना डाली जा सकती है।

उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा पोर्टल पहली बार शुरू हो रहा है। वैसे विदेश में ऐसे पोटर्ल हैं और करीब 25 फीसद गुमशुदा बच्चे पुलिस में मामला दर्ज होने से पहले ही पोटर्ल में दी गई सूचना से मिल जाते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि लापता बच्चे की पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई जानी चाहिए।

यह भी पढ़ें - पास होने की खुशी में टीचर को मिठाई खिलाने गया था, नहीं लौटा घर

यह भी पढ़ें - यूपी से बाल विवाह खत्म करने को साथ आए 'जागरण पहल' व 'यूनिसेफ'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.