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    केजरीवाल के नेतृत्व पर बवाल, शांतिभूषण ने खड़े किए सवाल

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    Updated: Thu, 14 Aug 2014 10:02 AM (IST)

    आम आदमी पार्टी [आप] की आंतरिक शांति एक बार फिर भंग हो गई है। इस बार पार्टी के सबसे वरिष्ठ संस्थापक नेताओं में शामिल शांति भूषण ने ही पार्टी प्रमुख अरव ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आम आदमी पार्टी [आप] की आंतरिक शांति एक बार फिर भंग हो गई है। इस बार पार्टी के सबसे वरिष्ठ संस्थापक नेताओं में शामिल शांति भूषण ने ही पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा है कि केजरीवाल में नेतृत्व चलाने की क्षमता नहीं है। उधर, पार्टी ने दावा किया है कि भूषण हरियाणा विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के पार्टी के फैसले से नाराज हैं। आप ने दावा किया है कि यह फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हुआ है।

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    लोकसभा चुनाव के बाद से ही कई स्तर पर विद्रोह का सामना कर रही आम आदमी पार्टी को बुधवार को करारा झटका लगा। इसके संरक्षक माने जाने वाले सबसे अनुभवी और उम्र दराज नेता शांति भूषण ने सीधे पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की क्षमता पर सवाल उठा दिए। पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा, 'अरविंद में वह क्षमता नहीं कि वे पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर चला सकें। पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की कमी है और वे सिर्फ अपनी बात सुनते हैं।'

    हालांकि उन्होंने लगे हाथ केजरीवाल और पार्टी की तारीफ भी की है। शांति भूषण ने कहा कि 'पार्टी का भविष्य अच्छा है और लोग इसे समर्थन दे रहे हैं। लेकिन कुछ चीजों को ठीक करना जरूरी है। अरविंद बुद्धिमान और तेज तो हैं ही प्रचार के लिहाज से भी अच्छे हैं। उन्हें पार्टी का मुख्य प्रचारक और चेहरा जरूर होना चाहिए। मगर संगठन का काम किसी और को दे देना चाहिए।'

    पार्टी ने भी तुरंत जवाबी बयान जारी कर दिया। इसमें साफ तौर पर यह आशंका जताई गई है कि संभवत: शांति भूषण हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी के नहीं लड़ने के फैसले से नाराज हैं। लेकिन यह फैसला पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) में लिया गया है। इससे पहले पार्टी के एक और शीर्ष नेता योगेंद्र यादव भी पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठा चुके हैं।

    पार्टी में हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने के सबसे बड़े समर्थक यादव ही हैं। उधर, शांति भूषण के पुत्र और पार्टी की शीर्ष इकाई राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) के सदस्य प्रशांत भूषण ने भी अपने पिता के बयान को ले कर आलोचनात्मक नजर आए। उन्होंने कहा, 'ये उनके निजी विचार हैं। उन्हें यह पार्टी के अंदर ही रखना चाहिए था। सार्वजनिक रूप से इन्हें रखना ठीक नहीं है।' साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी ने पिछले दिनों जो मिशन विस्तार शुरू किया है, उसका मकसद भी यही है कि पार्टी में हर स्तर पर चुनी हुई इकाई ही काम करे। दूसरी तरफ केजरीवाल ध्यान के लिए दिल्ली से बाहर हैं।

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