नीति बदले केन्द्र वरना कश्मीर हाथ से निकल जाएगा: चिदंबरम
चिदंबरम ने घाटी की इस गंभीर हालत को सुधारने के लिए तत्काल कश्मीर नीति में बदलाव कर रास्ता बदलने को कहा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने एक बार फिर केन्द्र सरकार की जम्मू-कश्मीर नीति पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि केवल पराक्रम और सैन्य ताकत की उसकी रणनीति घाटी के हालात सुधारने में नाकाम साबित हुई है। इसके विपरीत केन्द्र और प्रदेश की पीडीपी-भाजपा सरकार की इस रणनीति की वजह से कश्मीर हमारे हाथ से निकल रहा है। चिदंबरम ने घाटी की इस गंभीर हालत को सुधारने के लिए तत्काल कश्मीर नीति में बदलाव कर रास्ता बदलने को कहा।
संसद भवन में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान चिदंबरम ने श्रीनगर में उपचुनाव के दौरान हुई भारी हिंसा और मतदान का प्रतिशत बेहद कम होने को चिंताजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले भी घाटी के हालत के लगातार खराब होने का हवाला देते हुए कश्मीर के हाथ से निकलने की चेतावनी सरकार को दी थी। तब केन्द्र सरकार के मंत्रियों ने उन पर हमला बोल दिया था मगर गनीमत रही कि उन्हें राष्ट्रद्रोही नहीं करार दिया गया। अब श्रीनगर में बीते 30 साल में सबसे कम प्रतिशत मतदान और चुनाव अधिकारियों को खदेड़ कर भगाने की घटनाएं बेहद गंभीर है।
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इसलिए वे कह रहे हैं कि कश्मीर हाथ से निकल रहा और इस स्थिति को रोकना है तो सरकार को केवल सैन्य ताकत ही नहीं लोगों से बातचीत का रास्ता खोलते हुए हल तलाश करनी चाहिए। चिदंबरम ने मुख्यमंत्री महबूबा को भी इस हालात के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पीडीपी ने सत्ता के लिए भाजपा से गठबंधन कर जनता से किए वादे को तोड़ दिया।
लंदन में कश्मीर के लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
इस बीच मंगलवार को लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के दफ्तर के सामने कश्मीरियों ने विरोध प्रदर्शन किया।इस दौरान लोगों ने हाथों में बैनर थाम रखा था, जिस पर पीओके में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन का जिक्र था। यही नहीं लोगों ने CPEC (China Pakistan Economic corridor) का भी विरोध किया।
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