जम्मू-कश्मीर त्रासदी के वक्त राहुल की 'गुमशुदगी' पर सोशल मीडिया में चर्चा
जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ की विभीषिका को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चुप्पी एक बार फिर चर्चा में है। राजनीति को गंभीरता से न लेने के आरोपों के बीच राहुल गांधी कश्मीर में त्रासदी के समय नदारद हैं। कश्मीर में सदी की सबसे भयावह बाढ़ के समय राहुल की गुमशुदगी को लेकर सोशल मीडिया मे
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ की विभीषिका को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चुप्पी एक बार फिर चर्चा में है। राजनीति को गंभीरता से न लेने के आरोपों के बीच राहुल गांधी कश्मीर में त्रासदी के समय नदारद हैं। कश्मीर में सदी की सबसे भयावह बाढ़ के समय राहुल की गुमशुदगी को लेकर सोशल मीडिया में खासी चर्चा है। युवाओं के बीच सबसे लोकप्रिय माने जाने वाले इस माध्यम में राहुल के रवैये को लेकर पहले भी मुहिम चलती रही है। जहां इस मीडिया में प्रधानमंत्री मोदी की त्वरित कार्रवाई को लेकर प्रशंसा हो रही है वही राहुल एक बार फिर सोशल मीडिया के आलोचना के केंद्र में हैं। गौरतलब है कि पार्टी के वरिष्ठ महासचिव दिग्विजय सिंह भी युवाओं में राहुल के मुकाबले मोदी को ज्यादा लोकप्रिय बता चुके हैं।
लोकसभा में चुनावी हार के बाद राहुल को लेकर आंतरिक असंतोष से जूझ रही कांग्रेस पार्टी एक बार फिर बैकफुट पर है। लोकसभा चुनावों में युवाओं से कनेक्ट न हो पाने और सोशल मीडिया में पिछड़ने की बात स्वीकार कर चुकी कांग्रेस एक बार फिर युवाओं के इस लोकप्रिय माध्यम में कटघरे में है। कांग्रेस उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति को लेकर सोशल मीडिया जगत में हो रहे कमेंट और राहुल के मौन से पार्टी असहज है। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब राहुल इस प्रकार के मौकों पर न दिखाई दिए हों। उत्तराखंड में आए सैलाब का समय हो या फिर 16 दिसंबर को दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार की घटना। भारतीय जवानों के सरहद पर सर काटने का घृणित मामला रहा हो या फिर चीन के भारतीय सीमाओं की अतिक्रमण करने की घटनाओं की बात हो। कांग्रेस में भविष्य के नेता बताए जा रहे राहुल ज्यादातर मुद्दों को लेकर मौन रहे हैं या फिर देरी से अपनी बात रखी है। ऐसे में राहुल गांधी का मौन पार्टी पर भारी पड़ता रहा है। शनिवार को जम्मू -कश्मीर के मुद्दे पर पार्टी की तरफ से राज्य की प्रभारी व पार्टी महासचिव अंबिका सोनी की पत्रकार वार्ता के स्थगन के पीछे भी राहुल को लेकर सवालों से बचने की कोशिश माना जा रहा है।
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