सिब्बल ने दी मोदी को खुली बहस की चुनौती
कांग्रेस चुनावी लड़ाई को मुद्दों पर लाने की चाहे जितनी कोशिश करे, लेकिन भाजपा के साथ उसका घमासान नरेंद्र मोदी पर ही बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को तो इसन ...और पढ़ें

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कांग्रेस चुनावी लड़ाई को मुद्दों पर लाने की चाहे जितनी कोशिश करे, लेकिन भाजपा के साथ उसका घमासान नरेंद्र मोदी पर ही बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को तो इसने सियासी आतिशबाजी का रूप ले लिया। पहले तो लड़ाई को व्यक्ति विशेष से टालने के लिए केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार खुली बहस की चुनौती दे दी। इसका पलटवार करने में भाजपा ने भी देर नहीं लगाई। दरअसल भाजपा भी अब मोदी बनाम राहुल पर केंद्रित होती लड़ाई पर ही आर-पार करने पर आमादा हो गई है।
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केंद्रीय दूरसंचार व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को यहां कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी संप्रग सरकार के बारे में लगातार झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह उनसे खुली बहस को तैयार हैं। वह भी इस छूट के साथ कि बहस की जगह और विषय भी वह ही तय करें। यहां तक कि वह अंग्रेजी या हिंदी में किसी भी भाषा में बात कर सकते हैं। सिब्बल ने कहा कि जिन मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, उन पर नहीं हो रही है। सारी बहस व्यक्ति विशेष तक सिमट गई है। जबकि कोई एक व्यक्ति देश का भविष्य नहीं तय कर सकता। देश का भविष्य आरोपों-प्रत्यारोपों से नहीं, बल्कि नीतियों से तय होता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाल के दिनों में व्यक्ति विशेष पर माहौल बना दिया गया है।
यह पूछे जाने पर कि भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली इसके लिए तैयार हैं। क्या वह उनसे बहस करेंगे? सिब्बल ने कहा कि जब वह भी [जेटली] भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हो जाएंगे, तब वह उनसे भी बहस कर लेंगे। कानून मंत्री ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि आखिर मोदी कभी प्रेस कांफ्रेंस क्यों नहीं करते? उनका इशारा उस ओर था कि वह सवालों बचना चाहते हैं, ताकि रैलियों, सभाओं में अपनी पसंद के श्रोताओं के सामने झूठी बातों को भी रख सकें। इस आरोप पर नरेंद्र मोदी ने पुणे में जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह तो अहंकारी कांग्रेस है जो मीडिया के सवालों का जवाब नहीं देती।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष व वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण जेटली ने सिब्बल की चुनौती पर कहा, 'आखिर मोदी के उठाए सवालों पर कांग्रेस को दिक्कत ही क्या है? जनता को हक है कि वह अपने नेता को जाने व पहचाने। एक बहस छिड़ी है, जिसमें सिब्बल की कोई भूमिका नहीं है। अब जनता तय करेगी कि उसे कौन चाहिए'। वहीं भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने सिब्बल पहले मुझसे बहस कर लें। उन्हें उन ढेर सारे सवालों का जवाब देना होगा जिनसे वे बचते रहे हैं। मोदी पर छिड़ी कांग्रेस-भाजपा की यह जंग यहीं तक नहीं रही। मोदी के पूर्व सुरक्षा सलाहकार रहे आइपीएस केपीएस गिल की किताब में गुजरात दंगों के मामले में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने पर भी कांग्रेस ने उन्हें घेरा। सिब्बल ने कहा, 'ंउन्हें (मोदी) कोई क्लीन चिट नहीं दे सकता। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के तत्कालीन चेयरमैन जस्टिस जेएस वर्मा क्या कहा था? इंसाफ होगा, देर भले लगे।' इसलिए अब इसे कोर्ट पर छोड़ देना चाहिए। इस बीच, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी कहा कि केपीएस गिल कोई जज थोड़े ही हैं, जो 2002 के दंगों के मामलों में उन्हें क्लीन चिट दे रहे हैं।
'नरेंद्र मोदी जब, जहां, जिस विषय व भाषा में चाहें, खुली बहस कर लें।'
-कपिल सिब्बल, केंद्रीय कानून मंत्री
'बहस में तो कपिल सिब्बल हैं ही नहीं, जनता तय करेगी कि उसका नेता कौन।'
-अरुण जेटली, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष
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