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    पुलिस को आसाराम की एक और शिकायत मिली

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    Updated: Fri, 06 Sep 2013 07:48 PM (IST)

    जोधपुर पुलिस को कथावाचक आसाराम बापू के खिलाफ एक और शिकायत मिली है। पुलिस ने फिलहाल इसका ब्योरा देने से इन्कार किया है। इस बीच जोधपुर पुलिस की टीम ने सेवादार शिवा को साथ लेकर आसाराम के अहमदाबाद आश्रम में छापा मारा है। छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और सीडी के मिलने की बात सामने आई है। जोधपुर पुलिस के उपायुक्त

    जोधपुर। जोधपुर पुलिस को कथावाचक आसाराम बापू के खिलाफ एक और शिकायत मिली है। पुलिस ने फिलहाल इसका ब्योरा देने से इन्कार किया है। इस बीच जोधपुर पुलिस की टीम ने सेवादार शिवा को साथ लेकर आसाराम के अहमदाबाद आश्रम में छापा मारा है। छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और सीडी के मिलने की बात सामने आई है।

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    पढ़ें: शिवा ने कोर्ट में कहा, बापू की कोई सेक्स सीडी नहीं, कांग्रेसी साजिश

    जोधपुर पुलिस के उपायुक्त अजय लांबा के अनुसार शिवा के पास से हमें कोई सीडी या वीडियो क्लीपिंग नहीं मिली है, जिसमें आसाराम को किसी गलत कार्य में संलिप्त दिखाया गया हो। लांबा ने बताया कि छिंदवाड़ा स्कूल के छात्रावास की वार्डन शिल्पी से पुलिस को पूछताछ में पुख्ता सबूत मिलने की संभावना है। पीड़ित नाबालिग छात्रा इसी स्कूल के छात्रावास में रहती थी। उसे आसाराम से मिलवाने के लिए जोधपुर लाने में शिल्पी ने अहम भूमिका अदा की। लांबा ने कहा, वह पुलिस के रडार पर है और उसे उचित समय पर गिरफ्तार किया जाएगा। इस बीच शारीरिक दर्द से संबंधित बीमारी के इलाज के लिए महिला वैद्य और घर का खाना उपलब्ध कराए जाने से संबंधित आसाराम के प्रार्थना पत्र को जोधपुर की अदालत ने शुक्रवार को नामंजूर कर दिया। महिला वैद्य आसाराम के अहमदाबाद आश्रम में कार्यरत है और वह कथावाचक का इलाज भी करती थी। आसाराम इन दिनों नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में जोधपुर की जेल में बंद हैं।

    टिहरी में आसाराम का गड़बड़झाला

    नई टिहरी, जागरण संवाददाता। यौन उत्पीड़न के आरोप में सलाखों के पीछे गए आसाराम ने नई टिहरी में गड़बड़झाला किया। यहां चवालखेत में बनाया गया उनका आश्रम बगैर रजिस्ट्री की जमीन पर है। जिला प्रशासन को प्रारंभिक जांच पड़ताल में इसका पता चला। प्रशासन ने टिहरी जिले में स्थित आसाराम के दोनों आश्रमों को नोटिस भेजकर उनकी वैधता के प्रमाण पेश करने को कहा है।

    आसाराम के नई टिहरी में दो भव्य आश्रम हैं। इनमें एक शहर के बीचोंबीच सी ब्लॉक में और दूसरा मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर चवालखेत में है। बताया जा रहा है कि चवालखेत स्थित आश्रम टिहरी बांध विस्थापितों की जमीन पर बनाया गया है। कहा यह भी जा रहा है कि इस आश्रम के लिए आसाराम ने कुछ जमीन ग्रामीणों से खरीदी, जबकि कुछ जमीन उनके भक्तों ने दानस्वरूप दी। जांच पड़ताल में खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री न कराए जाने की बात भी सामने आई है। आश्रम के पास जंगलात की कुछ भूमि पर कब्जा करने की भी शिकायतें मिली हैं। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन इन सभी पहलुओं की असलियत जानने के प्रयासों में जुट गया है। डीएम के आदेश पर एसडीएम टिहरी आसाराम के आश्रमों की जांच कर रहे हैं। आसाराम के हरिद्वार के हरिपुरकलां स्थित आश्रम में राष्ट्रीय राजाजी पार्क की भूमि पर अतिक्रमण का मामला भी सामने आ रहा है। इसकी भी जांच शुरू की जा चुकी है।

    आश्रम का नाम, फ्लैट का कारोबार

    हरिद्वार। विवादों में घिरे आसाराम के हरिपुर कलां स्थित आश्रम के मुद्दे पर अखाड़ा परिषद ने मोर्चा खोल दिया है। परिषद के अध्यक्ष ज्ञानदास व प्रवक्ता बाबा हठयोगी का आरोप है कि वृद्धाश्रम के नाम पर आसाराम ने यहां रिहायशी कांप्लेक्स बना डाला और इससे खासा मुनाफा भी कमाया।

    हरिपुर कलां में आसाराम के आश्रम के पास स्थित चार मंजिला इमारत में 122 फ्लैट हैं। यह भवन विशुद्ध रूप से आवासीय हैं, लेकिन इसे बनाते समय यह एक आश्रम के नाम पर रजिस्टर्ड की गई थी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञानदास और प्रवक्ता बाबा हठयोगी का कहना है कि इस भवन को वृद्धाश्रम के नाम पर रजिस्टर्ड कराया था। लेकिन बाद में जमीन पर फ्लैट बनवाकर आसाराम ने उन्हें अपने विदेशी शिष्यों को बेच दिया।

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