झारखंड में 'हाथी' को नहीं मिले साथी
उत्तर प्रदेश में लाखों की भीड़ को संबोधित करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती को झारखंड में खास तवज्जो नहीं मिली। शनिवार को रांची के विधानसभा मैदान में उनकी चुनावी रैली में भीड़ नहीं जुटी। राज्य की सभी 14 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली बसपा की इस रैली में तमाम कुर्सियां खाली र
जागरण ब्यूरो, रांची। उत्तर प्रदेश में लाखों की भीड़ को संबोधित करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती को झारखंड में खास तवज्जो नहीं मिली। शनिवार को रांची के विधानसभा मैदान में उनकी चुनावी रैली में भीड़ नहीं जुटी। राज्य की सभी 14 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली बसपा की इस रैली में तमाम कुर्सियां खाली रह गईं।
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मायावती ने अपने संबोधन में राज्य के पिछड़ेपन के लिए यहां की जनता को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि संयुक्त बिहार में व झारखंड अलग होने के बाद भी यहां की जनता ने सही दल और उम्मीदवारों को नहीं जिताया। इसके चलते प्रदेश अब तक पिछड़ा ही रह गया। जिस सोच के साथ झारखंड बनाया गया था, वह पूरा नहीं हुआ।
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उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश में अपने चार कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि पहले वहां की भी जनता झारखंड की तरह ही थी। लेकिन बसपा की विचारधारा से प्रेरित होकर उप्र ने पार्टी को चार बार शासन का मौका दिया। जिसे पार्टी ने बखूबी निभाया।
आने की किसी को खबर नहीं:
प्रदेश में अपनी पहली सभा करने आईं बसपा सुप्रीमो के आगमन की खबर उनके कार्यकर्ताओं व पार्टी नेताओं तक को नहीं थी।
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