Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अम्मा ने दिया था अपोलो के मेडिकल स्टाफ को घर पर चाय पीने का न्योता

    By Kishor JoshiEdited By:
    Updated: Thu, 08 Dec 2016 03:00 PM (IST)

    तमिलनाडु की दिवगंत मुख्यमंत्री जयललिता के इलाज में शामिल मेडिकल स्टाफ ने उन्हें अस्पताल की बॉस बताया।

    चेन्नई (जेएनएन)। अपोलो अस्पताल में जयललिता के इलाज में शामिल मेडिकल स्टाफ ने दिवगंत मुख्यमंत्री जयललिता को बेहद भावुक अंदाज में याद किया है। आईसीयू में ईलाज के दौरान जयललिता के जज्बे को देखकर उनकी देखभाल करने वाली तीन नर्सों ने उन्हें 'किंग-कॉग' नाम दिया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए सी वी शीला नाम की एक नर्स ने बताया, "वह कई बार कहती थी, 'आप मुझे बताइए, जैसा आप कहोगे मैं वैसा करूंगी।' शीला ने बताया कि जब भी हम उनके साथ रहते थे तो मुश्किल के बाद भी कुछ न कुछ खाने की कोशिश करती थीं।

    पढ़ें- पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाए जाने की ‘जल्दबाजी’ पर अन्नाद्रमुक में नाराजगी

    पोंगल, कर्ड राइस और उपमा थे पंसदीदा व्यंजन

    शीला बताती हैं कि वह एक चम्मच सभी नर्सों के लिए और एक चम्मच अपने लिए खाती थीं। वह खाने में अपने रसोइए द्वारा तैयार किए गए पोंगल, उपमा, कर्ड राइस और पोटेटो करी लेना पसंद करती थीं। उनकी देखभाल के लिए 16 नर्सों की टीम तीन शिफ्टों में काम करती थी और उनमें शीला, एम वी रेनुका और समुंदेश्वरी उनकी पसंदीदा नर्सें थीं।

    अपोलो अस्पताल में श्रद्धांजलि सभा के बाद डॉक्टर, नर्स और अस्पताल के कर्मचारियों ने जयललिता से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। कर्मचारियों के अनुसार वह कभी-कभी मजाक के मूड में रहती थीं लेकिन अधिकतर वक्त सहयोग करती थीं। 75 दिनों के समय में वह कभी-कभी ही मुश्किल में नजर आईं।

    डॉक्टरों को देती थी टिप्स

    अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि अम्मा अस्पताल में बॉस थीं। जयललिता को 22 सितंबर की रात में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चार घंटे बाद जब उनकी हालत में सुधार हुआ तो उन्होंने जागकर कुछ सैंडविच और कॉफी की मांग की। जयललिता का इलाज करने वाली टीम के वरिष्ठ डॉक्टर सैंथिल कुमार ने बताया कि जब थकी हुईं नहीं रहती थी तो वह ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों से बात करती थीं। वह स्कीन केयर के टिप्स भी देती थी और कभी-कभी तो वह डाक्टरों से उनके हेयर स्टाइल को बदलने के लिए भी कहती थीं।

    पढ़ें- जयललिता के निधन पर दुख और सदमे से 77 लोगों की मौत : अन्नाद्रमुक

    मेडिकल स्टाफ को दिया था घर पर चाय का न्यौता

    मेडिकल निदेशक डॉ. सत्यभामा ने बताया, "वह महिलाओं को हमेशा यह सलाह देती थी कि आपको अपने लिए भी समय निकालना चाहिए।" डॉक्टर रमेश वेंकटरमण को बताया कि उन्हें अपोलो अस्पताल की कॉफी पसंद नहीं थी। एक दिन उन्होंने सभी नर्सों और डॉक्टरों से कहा, 'आइए! मेरे घर चलते हैं। मैं आप सबको कोडाइनाडु की सबसे अच्छी चाय पिलाऊंगी।"

    डाक्टरों को अच्छी तरह से याद है कि जब 22 नवंबर को उन्हें (जयललिता) यह पता चला कि उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक ने तंजावुर, अर्वाकुरूछी और थिरूपारनकुंद्रम की तीनों सीटें जीत ली हैं तो वह बहुत खुश थी। डॉ. ब्रह्मा ने बताया, "जया टीवा पर इस जीत की खबर को देखकर वह मुस्कराईं थी।"

    पढ़ें- अम्मा ने नहीं छोड़ी कोई वसीयत, करोड़ों की संपत्ति का कौन होगा वारिस