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    तमिलनाडु: जलीकट्टू समर्थकों का उग्र प्रदर्शन, पांच घायल; एक की हालत गंभीर

    By Kishor JoshiEdited By:
    Updated: Mon, 23 Jan 2017 06:41 PM (IST)

    चेन्नई के मरीना बीच पर आज भी जल्लीकट्टू के समर्थन में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे हैं।

    तमिलनाडु: जलीकट्टू समर्थकों का उग्र प्रदर्शन, पांच घायल; एक की हालत गंभीर

    चेन्नई (जेएनएन)। जलीकट्टू के मुद्दे पर अध्यादेश जारी होने के बाद भी प्रदर्शनकारी आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने मरीना बीच के करीब आइस हाउस पुलिस स्टेशन में आग लगा दी। इसके अलावा जलीकट्टू समर्थकों ने गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया। मरीना बीच पर विरोध कर रहे लोगों को पुलिस ने बल प्रयोग कर खदेड़ दिया। पुलिस ने मरीना बीच जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया है और लोगों के इकट्ठा होने से रोक लगा दी है।

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    कोयंबटूर में 5 लोग घायल

    कोयंबटूर के गांधीपुरम जंक्शन में प्रदर्शन के दौरान पांच लोग घायल हो गए। घायलों में एक की हालत गंभीर बनी हुई है। इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

    तस्वीरें : जल्लीकट्टू पर आगजनी और हिंसा से उग्र हुआ प्रदर्शन

    इसके अलावा मदुरै में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

    वहीं पुलिस ने जैसे ही जलीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों को मरीना बीच से हटाने की कोशिश की वे लोग खड़े होकर राष्ट्रगान गाने लगे। ऐसे में पुलिस के लिए असमंजस की स्थिति बन गई कि उन्हें कैसे हटाया जाए? कुछ प्रदर्शनकारियों ने तो यहां तक धमकी दी कि यदि उन्हें जबरन हटाया गया तो वो आत्महत्या कर लेंगे।

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    इससे पहले पुलिस के आला अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बात करते हुए अपील की कि राज्य सरकार ने आपकी मांग मान ली है और अब प्रदर्शन खत्म करना होगी। वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वो पुलिस पर भरोसा करते हैं लेकिन उन्हें अध्यादेश पर बात करने के लिए आधे दिन का समय चाहिए।

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    आपको बता दें कि जलीकट्टू को लेकर राज्य में जारी व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने एक अध्यादेश पारित कर इस पारंपरिक तमिल खेल (जलीकट्टू) की इजाजत दे दी थी, लेकिन ये प्रदर्शनकारी इस पर स्थायी समाधान की मांग को लेकर अब भी डटे थे। उनका कहना था कि ये अध्यादेश तो छह महीने बाद निरस्त हो जाएगा, इसलिए सरकार इसके लिए स्थाई कानून बनाना चाहिए।