भारत में खूनी खेल का नया मोहरा बना जैश ए मोहम्मद
पाकिस्तान से भारत के खिलाफ जो खूनी खेल पहले लश्कर खेला करता था अब वही खेल जैश ए मोहम्मद कर रहा है। जैश्ा के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को करीब सौलह वर्ष पहले कंधार कांड के दौरान मजबूरन छोड़ना पड़ा था।
नई दिल्ली (जयप्रकाश रंजन)। खेल भी वही है, खेल को अपने इशारों पर चलाने वाले भी वही बस प्यादे बदले हैं। भारत को हजारों जख्म देने का यह खेल पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ और पाक सेना के कुछ बेहद कट्टर अधिकारियों के इशारों पर चल रहा है। पहले प्यादा लश्कर-ए-तैयबा होता था लेकिन अब उसकी जगह जैश-ए-मोहम्मद ने ले ली है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के पास पक्की खबर है कि ठीक 16 वर्ष पहले काबुल विमान अपहरण में रिहा किया गया आतंकी मौलाना मसूद अजहर देश के सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने के इस खूनी खेल को अंजाम देने में अहम भूमिका निभा रहा है।
जैश ए मुहम्मद भारत में पहले भी दे चुका है कई बड़े हमलों को अंजाम
पठानकोट हमले की जांच में जुटे खुफिया एजेंसियों को कई चौंकाने वाली सूचनाएं हाथ लगी हैं। इन एजेंसियों को पहले से इस बात का शक था कि जिस तरह से लश्कर-ए-तैयबा पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा है उसे देखते हुए पाक स्थित भारत विरोधी संगठन जरूर कुछ नई रणनीति अपनाएंगे। नई रणनीति की तलाश में जुटे पाक के इन एजेंसियों को मौलाना मसूद अजहर से पूरा समर्थन मिल रहा है। भारतीय जेल से रिहा होने के बाद से अजहर अपना यादातर समय पाक अधिकृत कश्मीर, पाक-अफगान सीमा और करांची में अपने नेटवर्क को तैयार करने में लगाता रहा है। वह कभी कभार ही सामने आता है। लेकिन भारत में काफी समय गुजार चुके अजहर का अनुभव आइएसआइ की नई रणनीति में काफी काम आ रही है।
जब-जब भारत ने बढ़ाया है दोस्ती का हाथ, तब-तब पाकिस्तान से मिला धोखा
एजेंसियों का यह भी मानना है कि पठानकोट हमले के बाद जैश ने अपने आकाओं के सामने यह साबित कर दिया है कि भारत में खूनी खेल खेलने में वह लश्कर से कमतर नहीं है। अभी तक सिर्फ कश्मीर तक अपने संगठन को सीमित रखने वाले जैश ने पहली बार भारत के दूसरे राय में तबाही मचाई है। आज दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने यह स्वीकार किया कि दिल्ली में जैश के दो लोगों के घुसपैठ करने की सूचना है।
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