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    क्यों भाजपा-जेडीयू गठबंधन के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए हुए हैं शरद यादव

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Tue, 01 Aug 2017 10:27 PM (IST)

    महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ सरकार बनाने के नीतीश के फैसले के बाद शरद यादव बगावती तेवर अपनाए हुए हैं।

    क्यों भाजपा-जेडीयू गठबंधन के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए हुए हैं शरद यादव

    नई दिल्ली, [राजेश कुमार]। जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता शरद यादव बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले से नाराज हैं और भारतीय जनता पार्टी की मदद से बनी नई सरकार को जनता के खिलाफ बता रहे हैं। लेकिन, 26 जुलाई को नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जिस तरह से शरद यादव ने चुप्पी साधी और पांच दिनों के बाद मीडिया के सामने आकर सोमवार को नीतीश के फैसले का विरोध किया, उसके बाद अहम सवाल ये है कि आखिर वह अपनी पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर क्यों अपना रहे हैं। शरद यादव ने अभी तक अपने अगले कदम के बारे में कुछ नहीं बताया है। लेकिन, राजनीतिक विश्लेषक शरद यादव के ऐसे तेवर के कई मायने निकाल रहे हैं।

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    शरद यादव ने कहा- जनता के मत के खिलाफ
    रेलवे टेंडर घोटाले में तेजस्वी पर सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने और उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से तथ्यों के साथ बातों को रखने में तेजस्वी की नाकामी के बाद जिस तरह का नाटकीय घटनाक्रम चला वह बिहार की राजनीति का एक दिलचस्प पल था। नीतीश कुमार ने 26 जुलाई को इस्तीफा दिया और उसके अगले दिन सुबह 27 जुलाई को फिर से उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नीतीश कुमार ने 29 जुलाई को सदन में विश्वासमत भी हासिल कर लिया। लेकिन, पांच दिन तक मौन रखने के बाद जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने अचानक चुप्पी तोड़ते हुए भाजपा-जेडीयू गठबंधन को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। शरद यादव ने नीतीश के इस कदम को जनता के मत के खिलाफ बताया। शरद यादव के इस बयान ने नीतीश कुमार को असहज करके रख दिया।

    शरद यादव ने कहा- "जो वर्तमान स्थिति बनी है वहा काफी दुखदायक है। बिहार के ग्यारह करोड़ मतदाताओं ने महागठबंधन बनाकर हुए समझौते पर अपना मत दिया था। इस महागठबंधन के टूटने पर मैं काफी दुखी हूं। चुनाव के समय जो समझौता होता है वह हमारे लिए एक बड़ा संकल्प होता है। यह गठबंधन नहीं टूटना चाहिए था। इस महागठबंधन के टूटने से काफी उदास हूं। मैं पार्टी के लोगों की बात कर रहा हूं। इससे ज्यादा और कुछ कहना ठीक नहीं होगा। शरद यादव ने आगे कहा कि आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव, नीतीश और उन्होंने इस गठबंधन को बनाया था और केन्द्र सरकार के शासन को चुनौती देने का बडा़ प्रयास किया था।"

    शरद ने मोदी सरकार पर किया हमला
    इससे पहले शरद यादव ने शनिवार को ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर भी जोरदार हमला बोला। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा ने जो वादा किया था वो हकीकत से दूर हैं। विदेश से काला धन नहीं आया और न ही पनामा पेपर्स लीक में जिन लोगों का नाम था, उन्हें पकड़ा गया। इसके बाद फौरन राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने शरद से अपील करते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन के टूटने के बाद वह अब भाजपा के खिलाफ संघर्ष में अगुवाई करें। हालांकि, शरद यादव के इस कड़े तेवर को देखते हुए नीतीश ने अपने फैसले का बचाव किया और कहा कि वह भ्रष्टाचार से किसी भी हालत में समझौता नहीं कर सकते हैं।

    शरद यादव के खिलाफ न बोलने की नीतीश की हिदायत
    ऐसा कहा जा रहा है कि शरद यादव के आक्रामक तेवर के बावजूद नीतीश कुमार ने अपने सहयोगियों से कहा है कि वह किसी भी सूरत में शरद यादव की आलोचना न करें, चाहें वह कितना ही भाजपा-जेडीयू गठबंधन के खिलाफ बोलें। ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार लगातार शरद यादव को मनाने का प्रयास कर रहे हैं और किसी भी हाल में उनसे रिश्ते खराब नहीं करना चाहते हैं।

    केसी त्यागी ने कहा- कोई पार्टी तोड़ने का प्रयास नहीं करेगा
    एक अख़बार के मुताबिक, शरद यादव के सहयोगियों ने इस बात का संकेत दिया है कि पटना में 19 अगस्त को होनेवाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से ठीक पहले दिल्ली में शरद यादव विपक्षी दलों के साथ बैठक करेंगे। उधर, जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि उन्हें ये उम्मीद है कि कोई भी पार्टी के हितों को नुकसान पहुंचाने या तोड़ने का प्रयास नहीं करेगा।

    क्यों नीतीश से नाराज हैं शरद
    इस वक्त ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है कि जेडीयू के वरिष्ठ नेता अपने भरोसेमंद और बिहार के मुख्यमंत्री से अचानक इतने नाराज क्यों हो गए। राजनीतिक विश्लेषक शिवाजी सरकार ने Jagran.com से खास बातचीत में बताया कि शरद यादव को इस समय पर्याप्त सम्मान नहीं मिल रहा है और अपने आपको वे पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। शरद यादव को ऐसा लग रहा है कि उनको भरोसे में लिए बिना ही नीतीश कुमार ने महागठबंधन को तोड़कर भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला लिया था। 

    क्या हो सकता है शरद यादव का अगला कदम
    हालांकि, ये कहना जल्दबाजी होगी कि शरद यादव का अगला कदम क्या होगा। लेकिन, शिवाजी सरकार का मानना है कि शरद यादव अपने आपको किसी भी सूरत में राजनीतिक शून्य के तौर पर नहीं रखना चाहेंगे। उनका मानना है कि लाभ और भविष्य, राजनीति में जुड़े होते हैं और उसी आधार पर आगे कोई कदम उठाया जाता है। शरद यादव के सभी पार्टियों के साथ अच्छे ताल्लुकात हैं। ऐसे में फिलहाल उनके अगले कोर्स ऑफ एक्शन के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। 

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