जगन बेमियादी भूख हड़ताल पर
तेलंगाना विरोध की राजनीति में बढ़त हासिल करने के मंशा के साथ वाइएसआर कांग्रेस के मुखिया व सांसद जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को जुबली हिल्स स्थित अपने आवास पर बेमियादी भूख हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने आंध्र प्रदेश के बंटवारे संबंधी केंद्रीय कैबिनेट के 3 अक्टूबर के फैसले को मनमाना बताते हुए कहा, उनकी पार्टी इसे सुप्रीम
हैदराबाद। तेलंगाना विरोध की राजनीति में बढ़त हासिल करने के मंशा के साथ वाइएसआर कांग्रेस के मुखिया व सांसद जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को जुबली हिल्स स्थित अपने आवास पर बेमियादी भूख हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने आंध्र प्रदेश के बंटवारे संबंधी केंद्रीय कैबिनेट के 3 अक्टूबर के फैसले को मनमाना बताते हुए कहा, उनकी पार्टी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। वहीं,पृथक तेलंगाना के विरोध में शनिवार को लगातार दूसरे दिन भी सीमांध्र व रायल सीमा इलाकों में प्रदर्शन जारी रहे। शिक्षण संस्थान व व्यावसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे। विजयनगरम में भीड़ हिंसक हो उठी, जबकि विशाखापत्तनम में रैलियां और चक्काजाम का दौर जारी रहा।
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कडप्पा के सांसद जगन मोहन शनिवार को अपने पिता राजशेखर रेड्डी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सुबह साढ़े ग्यारह बजे पार्टी नेताओं और समर्थकों के साथ भूख हड़ताल पर बैठ गए। जगन ने कहा, संप्रग सरकार और कांग्रेस पार्टी ने जनता की चिंताओं को दरकिनार कर तेलंगाना बनाने का फैसला किया है। प्रदेश के बंटवारे में कई विधिक समस्याएं हैं, छह हफ्तों में इनका हल कैसे होगा। साथ ही कहा, विस से प्रस्ताव पारित हुए बिना किसी राज्य के बंटवारे की बात हमने कभी नहीं सुनी। केंद्र सरकार ऐसा फैसला कैसे कर सकती है। हम काम करने के मनमाने तरीके का विरोध करते हैं। जगन ने कहा, राहुल गांधी के विरोध पर सरकार अध्यादेश वापस ले सकती है तो तेलंगाना गठन के फैसले को वापस क्यों नहीं ले सकती जबकि राज्य में इतना सब कुछ हो रहा है। यह दूसरा मौका है जब राज्य के बंटवारे के विरोध में जगन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इससे पहले आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तारी के दौरान उन्होंने चंचलगुड्डा जेल में भूख हड़ताल की थी।
वहीं, सीमांध्र और रायलसीमा क्षेत्र में तेलंगाना गठन के विरोध की आग धीमी पड़ती नहीं दिख रही है। आंध्र प्रदेश के गैर राजपत्रित अफसरों,संयुक्त प्रांत समर्थकों तथा वाइएसआर कांग्रेस के बंद के कारण शैक्षणिक, व्यावसायिक प्रतिष्ठान दूसरे दिन भी बंद रहे। तमाम शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। विशाखापंट्टनम और विजयनगर शहर में लोगों ने रैलियों निकाली और जगह-जगह जाम लगाकर प्रदर्शन किया। विजय नगर शहर में प्रदर्शनकारी और पुलिस में झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया। शुक्रवार को कांग्रेसी नेताओं के घर-दफ्तरों को निशाना बनाने जाने तथा सरकारी संपत्ति में तोड़फोड़ की घटनाओं के मद्देनजर संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है। पुलिस महानिरीक्षक डीटी राव ने कहा,हालात नियंत्रण में हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर हमें आपत्ति नहीं है लेकिन हिंसा पर उतारू लोगों से सख्ती से पेश आया जाएगा।
'राज्य के इस हालात के लिए सोनिया गांधी जिम्मेदार हैं। वह अपने बेटे राहुल गांधी को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठाने के लिए लोगों की भावनाओं के साथ खेल रही हैं।'
- जगन मोहन रेड्डी
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