RSS का ऑफिस और दिल्ली, अहमदाबाद के फल बाजार थे आतंकियों के निशाने पर, इन प्रदेशों तक फैला था नेटवर्क
गुजरात एटीएस ने आईएसआईएस के तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जो भारत में खाद्य पदार्थों में जहर मिलाकर आतंक फैलाने की साजिश रच रहे थे। ये आतंकी लखनऊ, अहमदाबाद और दिल्ली में हमले करने की योजना बना रहे थे और इसके लिए उन्होंने रेकी भी की थी। पूछताछ में पता चला कि आरएसएस का लखनऊ कार्यालय भी निशाने पर था। एटीएस मामले की जांच कर रही है।

पकड़े गए आतंकी डॉक्टर।
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। इस्लामिक स्टेट (आईएस) भारत में बम धमाकों से आतंक फैलाने के बजाए खाद्य पदार्थ अथवा पेय पदार्थ में सायनाइड से भी अधिक खतरनाक रासायनिक जहर राइसिन मिलाकर बड़े पैमाने पर जानहानि करने की साजिश रच रहा था।
एटीएस गुजरात की ओर से पकड़े गए तीन आतंकी लखनऊ संघ कार्यालय, अहमदाबाद व दिल्ली के फल बाजार में आतंक फैलाने की साजिश रच रहे थे। इसके लिए इन क्षेत्रों की रेकी की गई थी। तीनों आपस में कभी नहीं मिले टेलीग्राम के माध्यम से पाक हैंडलर से इनको निर्देश मिलते उसी आधार पर काम को अंजाम देते थे। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात से लेकर आंध्र प्रदेश तक इनका नेटवर्क फैला था।
सायनाइड से भी खतरनाक जहरीला पदार्थ बनाने की फिराक में थे आतंकी
गांधीनगर अडालज में एक टोल के पास से पकड़े गए दो आतंकी कैराना निवासी 20 वर्षीय आजाद सुलेमान शेख तथा लखीमपुर खीरी निवासी 23 वर्षीय मोहम्मद सुहैल राजस्थान के हनुमानगढ़ से हथियार लेकर अहमदाबाद के छत्राल में एक जगह छिपा दिए थे। डा. अहमद मोहियुद्दीन ये हथियार और कैस्टर आयल लेकर हैदराबाद जाने की फिराक में था। वह हैदराबाद में ही इससे सायनाइड से भी अधिक खतरनाक जहरीला पदार्थ राइसिन बनाने वाला था।
चूंकि डा. मोहियुद्दीन चीन से डॉक्टरी की पढ़ाई करके आया था, इसलिए मानव जहर के रासायनिक फार्मूलों की भी अच्छी तरह जानकारी थी। आतंकी साजिश सफल हो जाती, तो भारत में बड़ी संख्या में जनहानि हो सकती थी।
आरएसएस का ऑफिस भी था निशाने पर
प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का लखनऊ कार्यालय, अहमदाबाद नरोडा का फल बाजार व लाल दरवाजा तथा दिल्ली का आजाद मार्केट इनके निशाने पर था। डॉ. अहमद सैयद लाल दरवाजा के पास एक होटल में रुका भी था। ये तीनों आतंकी संगठन आईएस के इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत के पाकिस्तानी हैंडलर अब्दुल खदीजा के संपर्क में थे।
पाकिस्तान में बैठा इनका आका टेलीग्राम के माध्यम से जो काम सौंपता उसे ही ये अंजाम दिया करते थे। इन स्लीपर सेल को वाहनों की चोरी, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे काम कराकर उसके बाद आतंकी हमले की साजिश की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। आतंकवाद निरोधक दस्ता आतंकियों से बरामद किए गए मोबाइल, लैपटॉप की जांच कर रहा है। तकनीकी जांच के लिए अन्य एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है।
एटीएस गुजरात ने तीनों को रविवार को दबोचा था, इनके पास से तीन पिस्टल व 30 कारतूस तथा अरंडी के बीज का तेल जो रासायनिक जहर बनाने के काम आता है, मिला था। तीनों को 17 नवंबर तक एटीएस को रिमांड पर सौंपे गए हैं।
योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े नेता थे निशाने पर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े नेता व प्रमुख धार्मिक स्थल विभिन्न आतंकी संगठनों के निशाने पर रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री आवास के आसपास की गई रेकी की बात सामने आने के बाद जांच एजेंसियां और चौकन्नी हो गई हैं।
पूर्व में पकड़े गए आतंकियों की गतिविधियों को भी खंगाला जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में सक्रिय रहे संदिग्ध आतंकियों का सुहैल व सुलेमान शेख से कनेक्शन खंगाला जा रहा है। एटीएस ने संदिग्धों की तलाश में कुछ स्थानों पर दबिश भी दी है।
पकड़े सुलेमान और सुहैल के अयोध्या, मथुरा व काशी में भी मूवमेंट की आशंका है। उप्र एटीएस की टीम ने भी गुजरात पहुंचकर दोनों से पूछताछ की है। खासकर दोनों के अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि उत्तर प्रदेश में फैले उनके नेटवर्क की जड़ें खंगाली जा सकें।

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