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    यहां के कॉलेजों में है कश्‍मीरी आतंकियों के बच्‍चों के लिए रिजर्वेशन कोटा

    By Monika minalEdited By:
    Updated: Thu, 14 Jul 2016 06:34 PM (IST)

    कश्‍मीर के आतंकियों व अलगाववादियों के समर्थन में आइएसआइ और हिज्‍बुल ने हाथ मिलाया है और इनके बच्‍चों के लिए पाक के कॉलेजों में सीक्रेट कोटा बनाने का निर्णय लिया है।

    नई दिल्ली। आखिर ये आतंकी इतनी अच्छी अंग्रेजी कैसे बोल लेते हैं साथ ही उच्च शिक्षा प्राप्त भी लगते हैं...ये सवाल कहीं न कहीं तो सबके मन में होता ही है। तो इस खबर को सुन आप चौंक जाएंगे कि इन आतंकियों के लिए कॉलेजों में रिजर्वेशन कोटा भी होता है। कश्मीरी आतंकियों व अलगाववादियों के बच्चों का भविष्य बनाने के लिए आईएसआई और हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने हाथ मिलाया है। इनके बच्चों के एडमिशन के लिए पाकिस्तान के कॉलेजों में सीक्रेट कोटा बनाने का निर्णय लिया गया है।

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    हिज्बुल मुजाहिद्दीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर हमले की जिम्मेवारी लेने वाले ‘यूनाइटेड जिहाद काउंसिल’ का भी नेतृत्व करता है। जम्मू कश्मीर में लड़ रहे आतंकियों के बच्चों को विभिन्न छात्रवृति स्कीम दिलाने के पीछे मुख्य भूमिका सलाहुद्दीन की ही है।

    भारत के उच्च खुफिया सूत्रों के अनुसार, आइएसआइ के जरिए आने वाले तमाम सिफारिशों को सीमा पार मेडिकल, इंजिनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में युवाओं के एडमिशन में सलाहुद्दीन मुख्य रूप से सपोर्ट करता है। इन निष्कर्षों से यह गंभीर बात सामने आयी है कि युवाओं को पाकिस्तान में उच्च शिक्षा देकर जिहाद की आग में धकेला जाता है।

    आतंकियों के संतानों के लिए रिजर्वेशन

    इस्लाबाद ने आतंकियों व भारतीय सुरक्षा बलों का विरोध कर रहे अलगवावादियों के परिवारों से संबंधित कश्मीरी टीनेजर्स के लिए रिजर्व सीट की एक पॉलिसी बनायी है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में उन्हें एमबीबीएस, बीडीएस, इंजिनियरिंग, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट व सरकारी संस्थानों के अन्य विभागों में एडमिशन मिला। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कश्मीरी कोटा के लिए मानदंड तय किया है- जो निम्न तीन कैटेगरी में विभाजित है: शहीदों के बच्चे (भारतीय सुरक्षा बल द्वारा मारे गए आतंकी), सक्रिय मुजाहिद्दीन व अलगाववादियों के बच्चे।

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    इंडिया टुडे टीवी की इंवेस्टीगेशन टीम ने कश्मीरी छात्रों की पूरी लिस्ट एक्ससेस की जिस सलाहुद्दीन द्वारा पाकिस्तान में हायर एजुकेशन के लिए भेजा गया था। हिज्बुल चीफ ने पीएचडी कोर्स के लिए एस इमरान का नाम भेजा था और इमरान के लिए कहा कि सुरक्षा कारणों के चलते युवा कश्मीरी अपने रिसर्च को पूरा नहीं कर पा रहा। आइएसआइ को लिखे अपने पत्र में सलाहुद्दीन ने कहा इमरान पीओके के मुजफ्फराबाद जिले में रह रहा है। लिस्ट के अनुसार, जम्मू कश्मीर के पुलवामा निवासी एस मोहिउद्दीन के बेटे इमरान ने पंजाब से कंप्यूटर साइंस में एमएससी की पढ़ाई की है और मध्यप्रदेश के रेवा से एमफिल किया है।

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    दो साल पहले मेरठ में यूनिर्सिटी द्वारा निष्काषित 67 कश्मीरी छात्रों को एडमिशन उपलब्ध कराने के पर पाकिस्तान विवादों में आया था। 26/11 मुंबई हमलों का मास्टर माइंट प्रतिबंधित जमात-उद-दवा ग्रुप का हाफिज सईद ने भी इन छात्रों को स्कॉलरशिप दिया था।