चिदंबरम का दावा, दस साल में यूपीए ने बदली बुनियादी ढांचे की तस्वीर
आप भले ही सोचते हों कि बिजली, सड़क और रेलवे के क्षेत्र में संप्रग सरकार का काम सुस्त रहा, मगर वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ऐसा नहीं मानते। वर्ष 2014-15 के अंतरिम बजट में उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों का न केवल जमकर बखान किया, बल्कि नीतिगत पंगुता के आरोपों को भी गलत साबित
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आप भले ही सोचते हों कि बिजली, सड़क और रेलवे के क्षेत्र में संप्रग सरकार का काम सुस्त रहा, मगर वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ऐसा नहीं मानते। वर्ष 2014-15 के अंतरिम बजट में उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों का न केवल जमकर बखान किया, बल्कि नीतिगत पंगुता के आरोपों को भी गलत साबित करने की भरपूर कोशिश की। यह अलग बात है कि वह भविष्य को लेकर भरोसा नहीं पैदा कर सके।
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चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने इन्फ्राट्रक्चर के निर्माण एवं क्षमता वृद्धि में बड़े व असाधारण कदम उठाए हैं। वर्ष 2012-13 और चालू वित्त वर्ष के नौ महीनों में कुल मिलाकर 29,350 मेगावाट बिजली क्षमता स्थापित की गई। इसके अलावा 3,928 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत 39,144 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें और 3,343 किलोमीटर नई रेलवे लाइनों का निर्माण किया गया है। साथ ही 21.75 करोड़ टन सालाना की नई बंदरगाह क्षमता भी तैयार हुई है। देश में सात नए हवाई अड्डों का निर्माण चल रहा है, जबकि 19 ब्लॉकों में तेल एवं गैस की खोज हो रही है।
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उन्होंने कहा कि दस साल पहले देश में केवल 1,12,700 मेगावाट विद्युत क्षमता थी। अब यह बढ़कर 2,34,600 मेगावाट हो चुकी है। पीएमजीएसवाई के तहत केवल 51,511 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें थीं। आज इनकी लंबाई बढ़कर 3,89,578 किलोमीटर हो चुकी है। वित्त मंत्री ने कहा कि जब नीतिगत पंगुता के कारण निवेश घटने की बातें की जा रही थीं, तब सरकार ने तुरंत निर्णय लेते हुए निवेश एवं परियोजनाओं की निगरानी के लिए कैबिनेट समूह का गठन किया। यह समूह जनवरी, 2014 तक 6.60 लाख करोड़ रुपये की 296 परियोजनाओं को मंजूरी दे चुका है। साहसिक फैसलों के तहत रेलवे में एक दशक बाद किराये बढ़ाए गए। अगले वित्त वर्ष के लिए रेलवे को बजटीय सहायता 26 हजार करोड़ से बढ़ाकर 29 हजार करोड़ रुपये कर दी गई है।
बजट भाषण में चिदंबरम ने कहा कि रेलवे और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की अन्य परियोजनाओं में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये निवेश बढ़ाने को कहा गया है। साथ ही निवेश के नए तरीके भी खोजने को कहा गया है। एयरलाइनों में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए एफडीआइ नीति में संशोधन किया गया। परमाणु बिजली क्षमता बढ़ाने के प्रयासों के तहत कुडनकुलम संयंत्र को चालू कर दिया गया है। यहां 18 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। वहीं, कलपक्कम में 500 मेगावाट का प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर पूरा होने वाला है।
इतना ही नहीं, सौर ऊर्जा में 1,684 मेगावाट क्षमता को ग्रिड से जोड़ा जा चुका है। राष्ट्रीय सौर मिशन के दूसरे चरण में 500 मेगावाट क्षमता (प्रत्येक) वाली चार अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने सड़क बनाने के काम आने वाली मशीनों के देश में निर्माण को बढ़ावा देने के लिए आयातित मशीनों पर सीवीडी से छूट समाप्त करने का एलान भी किया।
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