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    ये इंस्पेक्टर साहब कप्तान की भी नहीं मानते

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    Updated: Wed, 05 Feb 2014 03:28 PM (IST)

    राजनीतिक गलियारों में कहा जाता है कि सपा सरकार में पुलिस कप्तान से ज्यादा कोतवाल की चलती है। मेरठ में दो पुलिस इंस्पेक्टरों के झगड़े में जो कुछ हो रहा है, वह इस राजनीतिक बतकही पर सच्चाई की मुहर लगा रहा है। मेरठ के एक इंस्पेक्टर का तबादला एसएसपी ने दूसरे थाने में कर दिया, लेकिन इंस्पेक्टर साहब हैं कि एसएसपी क

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    मेरठ। राजनीतिक गलियारों में कहा जाता है कि सपा सरकार में पुलिस कप्तान से ज्यादा कोतवाल की चलती है। मेरठ में दो पुलिस इंस्पेक्टरों के झगड़े में जो कुछ हो रहा है, वह इस राजनीतिक बतकही पर सच्चाई की मुहर लगा रहा है।

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    मेरठ के एक इंस्पेक्टर का तबादला एसएसपी ने दूसरे थाने में कर दिया, लेकिन इंस्पेक्टर साहब हैं कि एसएसपी के आदेश को दरकिनार कर थाने में ही जमे हुए हैं। चार्ज संभालने पहुंचे दूसरे दरोगा जी से उनकी थाने में ही जमकर बहसाबहसी हुई। झगड़ा एसपी सिटी के दफ्तर तक पहुंचा, उनके सामने दो इंस्पेक्टरों में बाकायदा चार्ज लेने और छोडऩे को लेकर गरमा-गरमी हुई। साफ-साफ अपने सामने हुई इस अनुशासनहीनता के बाद भी एसपी सिटी कह रहे हैं कि इस पर एसएसपी से बात की जाएगी।

    दरअसल, हुआ यह कि काफी लंबे अरसे से मेरठ के सदर बाजार थाने में जमे इंस्पेकटर मुनेन्द्रपाल यादव का तबादला एसएसपी ओंकार सिंह ने लालकुर्ती थाने में कर दिया और उनकी जगह परतापुर के इंस्पेक्टर ब्रजमोहन यादव को सदर बाजार थाने स्थानांतरित किया गया। ब्रजमोहन यादव ने मंगलवार रात को जाकर थाने की जीडी में आमद दर्ज करा चार्ज संभाल लिया। सुबह ब्रजमोहन यादव जब सदर बाजार थाने पहुंचे तो वहां इंस्पेक्टर मुनेन्द्रपाल थानेदार की कुर्सी पर जमे हुए थे। जब ब्रजमोहन यादव ने एसएसपी के आदेश और खुद के चार्ज संभालने की बात कही तो मुनेन्द्र पाल ने चार्ज छोड़ने से इन्कार कर दिया और कहा कि मैं कोई आदेश नहीं मानता। बहस बढ़ी और दोनों एसपी सिटी आफिस पहुंचे, लेकिन एसपी सिटी ओमप्रकाश यादव भी इस मसले का कोई हल नहीं निकाल सके। जब एसपी सिटी से पूछा गया कि आखिर इस तरह की अनुशासनहीनता पर क्या कार्रवाई की जाएगी तो उनका कहना था कि एसएसपी से बात करुंगा। फिलहाल दोनों कोतवाल झगड़ रहे हैं और सदर बाजार थाना राम भरोसे है।

    पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुनेन्द्र पाल सिंह यादव लखनऊ के सियासी गलियारों में काफी अच्छी पकड़ रखते हैं और ओंकार सिंह से पहले के कई एसएसपी चाहकर भी उन्हें सदर बाजार थाने से नहीं हटा पाए। एसएसपी ओंकार सिंह से संपर्क की काफी कोशिश की गई,लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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