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    नेवी में शामिल हुआ वॉरशिप ‘INS चेन्‍नई’, जानें इसकी खासियत

    By Monika minalEdited By:
    Updated: Mon, 21 Nov 2016 02:44 PM (IST)

    कोलकाता श्रेणी में तैयार किए गए तीन वॉरशिप में से आखिरी वॉरशिप ‘आईएनएस चेन्‍नई’ को आज रक्ष मंत्री ने भारतीय नौसेना को सौंप दिया।

    मुंबई (जेएनएन)। केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को मझगांव डाकयॉर्ड में 60% स्वदेशी बनावट वाले वॉरशिप 'आईएनएस चेन्नई' को देश को सौंपा। रक्षा मंत्री ने इस अवसर को भारतीय नौसेना के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया। नेवी के प्रमुख, एडमिरल सुनील लांबा भी इस अवसर पर मौजूद थे।

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    दुश्मनों के रडार को देगी चकमा

    रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मझगांव डाकयॉर्ड में 60 फीसद स्वदेशी बनावट वाले इस वॉरशिप को देश को सौंप दिया। ‘कवच’ चैफ डिकोय सिस्टम से लैस यह वॉरशिप दुश्मन के राडार को चकमा देने के साथ दो हेलिकाप्टर भी ढो सकता है। इसके साथ ही पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन से समुद्र में मुकाबला करने के लिए भारत की ताकत बढ़ गई है।

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    एडवांस्ड वॉरशिप की विशेषताएं-

    - यह कोलकाता क्लास का सबसे अडवांस तकनीक का जहाज है।

    - इस क्लास के पहले जहाज आईएनएस कोलकाता को 2014 में नौसेना में शामिल किया गया था, जबकि - आईएनएस कोच्चि को पिछले साल सितंबर में नौसेना में शामिल किया गया।

    - आईएनएस चेन्नै को शामिल किए जाने के साथ ही नौसेना का प्रॉजेक्ट 15ए खत्म हो गया है।

    - इस जहाज को पश्चिमी नौसेना कमान के कंट्रोल में रखा जाएगा।

    - इस श्रेणी के पहले पोत का नाम आईएनएस कोलकाता था और इसका जलावतरण 16 अगस्त 2014 को किया गया था।

    - इसके बाद आईएनएस कोच्चि का जलावतरण 30 सितंबर 2015 में किया गया।

    - मुंबई के माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में 2006 में इसे बनाना शुरू किया गया था।

    - डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल डिजाइन ने इसका डिजाइन तैयार किया।

    - इसमें ‘चैफ डिकोय’ नामक विशेष कवच सिस्टम लगाया गया है जो दुश्मनों के रडार को चकमा देगी।

    - इसकी लंबाई करीब 164 मीटर व वजन ले जाने की कैपेसिटी 7500 टन है।

    - यह सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल से लैस है।

    - समुद्र में रफ्तार 60 किलोमीटर प्रतिघंटा है।

    - इस पर तैनात रहेगा सी-किंग और एचएएल ध्रुव।

    तीन वॉरशिप में आखिरी

    कोलकाता श्रेणी (परियोजना-15-ए) के तहत बनने वाले तीन जंगी जहाज में से यह आखिरी जहाज है। इससे पहले कोलकाता सीरीज का ‘आईएनएस कोलकाता’ 16 अगस्त 2014 में और ‘आईएनएस कोच्चि’ 30 सितंबर 2015 में नेवी में शामिल हो चुके हैं। इन तीनों वॉरशिप की कुल लागत 11,500 करोड़ रुपये के आसपास रही है।

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    देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं

    उन्होंने गलती से सीमा पार गए जवान, चंदु चौहान के सुरक्षित और जीवित होने की भी पुष्टि की। उन्होंने आगे बताया कि पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध का हम स्वागत करते हैं लेकिन देश की सुरक्षा के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे।

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