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सफलता ने भारत की तकनीकी क्षमता को किया साबित: अनिल काकोदकर

अनिल काकोदकर मंगलयान की सफलता का उत्साह हर ओर दिखाई दे रहा है। इस सफलता ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की तकनीकी क्षमता को साबित किया है। राष्ट्र को इस उपलब्धि का जश्न मनाना चाहिए। मंगल अभियान की सफलता ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के आगे बढते कदमों को दिखाया है। ये अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे सतत विकास को भी प्रदर्शि

By Edited By: Published: Wed, 24 Sep 2014 08:25 PM (IST)Updated: Wed, 24 Sep 2014 08:25 PM (IST)

मंगलयान की सफलता का उत्साह हर ओर दिखाई दे रहा है। इस सफलता ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की तकनीकी क्षमता को साबित किया है।

राष्ट्र को इस उपलब्धि का जश्न मनाना चाहिए। मंगल अभियान की सफलता ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के आगे बढते कदमों को दिखाया है। ये अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे सतत विकास को भी प्रदर्शित करते हैं।

भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की सफलता से परमाणु ऊर्जा वैज्ञानिकों पर कोई दबाव नहीं है। ये सोचना गलत होगा कि ये सफलता परमाणु ऊर्जा से जुड़े लोगों पर लक्ष्य हासिल करने का दबाव बढ़ाएगी। दोनों क्षेत्रों यानि अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। भारत की परमाणु ऊर्जा गतिविधि अपने हिसाब से सफलता हासिल कर रही है।

500 मेगावाट प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (पीएफबीआर) पूरा होने की कगार पर है। यह परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की बड़ी कामयाबी का द्योतक होगा। एडवांस्ड हेवी वाटर रिएक्टर प्रोजेक्ट में भी अच्छी प्रगति हो रही है।

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