Move to Jagran APP

मोदी की यात्रा के पहले श्रीलंकाई प्रधानमंत्री का बाउंसर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के ठीक पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के विवादित बयान पर राजनीति गरमा गई है। विक्रमसिंघे ने श्रीलंकाई समुद्री सीमा में घुसने वाले भारतीय मछुआरों को गोली मारने को सही ठहराया था। कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार की कूटनीति विफलता बताया है, पर भारत

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2015 05:59 AM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2015 06:09 AM (IST)
मोदी की यात्रा के पहले श्रीलंकाई प्रधानमंत्री का बाउंसर

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के ठीक पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के विवादित बयान पर राजनीति गरमा गई है। विक्रमसिंघे ने श्रीलंकाई समुद्री सीमा में घुसने वाले भारतीय मछुआरों को गोली मारने को सही ठहराया था। कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार की कूटनीति विफलता बताया है, पर भारत सरकार बयान को तूल देने के बजाय इस मानवीय समस्या के स्थायी समाधान पर जोर दे रही है।

loksabha election banner

कांग्रेस ने सुषमा स्वराज के श्रीलंका दौरे के दौरान दिए गए इस बयान को मुद्दा बनाते हुए इसे मोदी सरकार की कूटनीतिक विफलता बताया। विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर इसे मानवीय समस्या करार दिया है। प्रवक्ता अकबरुद्दीन ने कहा कि मछुआरों के विवाद को खत्म करने के लिए सरकार दो स्तरीय रणनीति पर काम रही है। तात्कालिक उपाय के रूप में मोदी की श्रीलंका यात्रा के तत्काल बाद दोनों देशों के मछुआरों के संगठनों के बीच वार्ता शुरू होगी। वहीं स्थायी समाधान के लिए दोनों देश लंबी वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। अकबरुद्दीन ने कहा, हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत और श्रीलंका साथ काम करने में सक्षम हैं।

सुषमा ने श्रीलंकाई पीएम-राष्ट्रपति के समक्ष उठाया मुद्दा

श्रीलंका में मौजूद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को खुद विक्रमसिंघे के साथ बातचीत में यह मुद्दा उठाया। सुषमा ने श्रीलंकाई समकक्ष मंगला समरावीरा और प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के साथ बातचीत में मछुआरों का मुद्दा उठाया। इसके पहले शुक्रवार को सुषमा ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना से मुलाकात की, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनकी सरकार भारत के साथ संबंध मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

विक्रमसिंघे के विवादित बोल

श्रीलंका प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने चेन्नई स्थित एक तमिल चैनल को दिए साक्षात्कार में भारतीय मछुआरों के खिलाफ श्रीलंकाई सेना की कार्रवाई को यह कहते हुए सही ठहराया कि 'अगर कोई मेरे घर में घुसता है, मैं गोली मार सकता हूं। अगर वे मारे जाते हैं, कानून मुझे इसकी इजाजत देता है।' उन्होंने यह भी कहा कि वे इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए भारत से बातचीत करना चाहते हैं। विक्रमसिंघे का कहना था कि जाफना के मछुआरों को मछली पकडऩे की इजाजत दी जानी चाहिए और यहां भारतीय मछुआरों को रोका जाएगा। साथ ही उन्होंने भारत के साथ एक तार्किक समझौते की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि ऐसा समझौता श्रीलंकाई मछुआरों की कीमत पर नहीं होगा।

श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के बयान से भारतीय मछुआरे बेहद परेशान

रामेश्वर। श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के समुद्री सीमा में घुसे भारतीय मछुआरों को गोली मारने को सही ठहराने वाले बयान से तमिलनाडु के मछुआरे बेहद परेशान हैं। मछुआरा परिषद के नेताओं एस एमरिट और सेसुराजा ने शनिवार को बताया कि अब तक 500 भारतीय मछुआरों को गोली से उड़ाया जा चुका है। भारतीय मछुआरों पर हमला करने के लिए श्रीलंकाई मछुआरों को कुछ ताकतें भी उकसाती हैं। मछुआरे कच्चातिवु द्वीप के निकट जाते हैं, क्योंकि इसी इलाके में मछलियां मिलती हैं।

कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को सत्तांतरित किया जा चुका है। इस द्वीप को भारत के सुरक्षा पहलु पर विचार किए बिना ही श्रीलंका को दे दिया गया था। जब से इसका हस्तांतरण हुआ है, भारतीय मछुआरे शांति से मछली नहीं पकड़ पा रहे हैं। मछुआरा परिषद के नेताओं का कहना है कि भारतीय और श्रीलंकाई राज्यों के प्रमुखों में बेहतर रिश्ते हैं। भारतीय-श्रीलंकाई मछुआरों के बीच भी अच्छे संबंध हैं, लेकिन कुछ ताकतें दोनों के बीच खाई पैदा करना चाहती हैं।

पढ़ें : चीनी पनडुब्बियों को अपने यहां लंगर नहीं डालने देगा श्रीलंका

राजपक्षे को हराने के लिए रॉ एजेंट ने बिछाई थी बिसात!


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.