Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजपक्षे को हराने के लिए रॉ एजेंट ने बिछाई थी बिसात!

    By Sudhir JhaEdited By:
    Updated: Sun, 18 Jan 2015 07:37 PM (IST)

    श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की हार के लिए भारतीय खुफिया एजेंसी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बताया गया है कि श्रीलंका ने कोलंबो में तैनात भारतीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख को निर्वासित कर दिया है। श्रीलंका ने यह कदम उन खबरों के बाद उठाया है जिसमें कहा

    कोलंबो। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की हार के लिए भारतीय खुफिया एजेंसी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। बताया गया है कि श्रीलंका ने कोलंबो में तैनात भारतीय खुफिया एजेंसी के प्रमुख को निर्वासित कर दिया है। श्रीलंका ने यह कदम उन खबरों के बाद उठाया है जिसमें कहा गया है कि भारतीय खुफिया एजेंसी के एजेंट ने पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की हार में भूमिका निभाई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ऐसी किसी खबर का खंडन किया है। उसका कहना है कि तबादले होते रहते हैं। 8 जनवरी को श्रीलंका में हुए मतदान में तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राक्षपक्षे चुनाव हार गए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने रायटर को बताया कि इस बारे में वह ज्यादा नहीं जानते हैं, लेकिन नई सरकार का कहना है कि वह ऐसी रिपोर्ट के बारे में जानती हैं, लेकिन पक्के तौर पर कुछ नहीं कह सकती। वहीं, नई दिल्ली और कोलंबो के तमाम सूत्रों का कहना है कि दिसंबर में ही भारत से कहा गया था कि वह अपने एजेंट को भारत वापस बुला ले क्योंकि उस पर राजपक्षे के विरोधियों के पक्ष में समर्थन जुटाने का आरोप लगा था।

    श्रीलंका के एक अखबार में ऐसी रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई जिसमें लिखा गया था कि राजपक्षे का विरोध करने के चलते रॉ के अधिकारी को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि दो बार के राष्ट्रपति राजपक्षे के बारे में यह भी कहा जा रहा था कि चीन से नजदीकी नीतियों के चलते श्रीलंका में उनके खिलाफ माहौल बन रहा है।

    गौरतलब है कि पिछले वर्ष श्रीलंका ने दो चीनी पनडुब्बियों को अपने तट पर रुकने दिया था। इस घटना के बारे में उसने भारत को पहले सूचित नहीं किया जबकि श्रीलंका की भारत के साथ ऐसी संधि है। नए राष्ट्रपति सीरिसेना ने कहा है कि वह अपने पहले विदेश दौरे के लिए भारत जाएंगे। ऐसा माना जा रहा है कि सिरीसेना, भारत से संबंधों को लेकर काफी गंभीर हैं।

    पढ़ेंः राजपक्षे परिवार के खिलाफ जांच चाहती है जेवीपी

    पढ़ेंः श्रीलंका में तख्तापलट की साजिश की जांच कराएगी सरकार