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    चीन के खिलाफ ये है भारत की तैयारी

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    Updated: Thu, 25 Apr 2013 01:43 PM (IST)

    भारत और चीन के बीच तकरार बढ़ता ही जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत और चीन के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। इन विशेषज्ञों के मुताबिक चीन भारत के इलाकों में घुसकर और सीमा पर सैन्य जमावड़ा बनाकर भारत पर लगातार दबाव बनाने की रणनीति पर अमल कर रहा है। इसके जरिए चीन अपनी शतरें पर सीमा का बंटवारा चा

    नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच तकरार बढ़ता ही जा रहा है। रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत और चीन के बीच मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। इन विशेषज्ञों के मुताबिक चीन भारत के इलाकों में घुसकर और सीमा पर सैन्य जमावड़ा बनाकर भारत पर लगातार दबाव बनाने की रणनीति पर अमल कर रहा है। इधर भारत की तरफ से सेना को सशोमा और श्योक नदी के पास तैनात किया गया है, जो आदेश मिलने पर फौरन दौलत बेग क्षेत्र की ओर कूच कर जाएगी। उसकी मदद के लिए मध्यम हल्के विमान भी तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त अत्याधुनिक सर्विलांस उपकरण भी तैनात करने की प्रक्रिया चल रही है। दौलत बेग इलाके में आईटीबीपी की गुरिल्ला युद्ध में दक्ष टुकड़ी को तैनात किया गया है।

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    इसके जरिए चीन अपनी शतरें पर सीमा का बंटवारा चाहता है। चलिए हम आपको भारतीय सेना की तरफ से सैनिक तैयारी और संसाधन बताते हैं।

    सेना की तैनाती

    भारतीय सेना की तरफ से 33 कोर की तैनाती सिलीगुड़ी में है। 17 माउंटेन डिवीजन गंगटोक, 20 माउंटेन डिविजन बिनौगुड़ी, 27 माउंटेन डिविजन कालीमपोंग, तोपखाना ब्रिगेड।

    4 कोर की तैनाती तेजपुर में है। 2 माउनटेन डिवीजन डिबूगढ़, 5 माउनटेन डिवीजन बोमडीला, 71 माउनटेन डिवीजन मिसामारी।

    3कोर दिमापुर।

    14 कोर की तैनाती लेह में है। 3 पैदल सेना और 8 माउनटेन डिवीजन । तोपखाना ब्रिगेड ।

    दुनिया की सबसे ऊंची हवाई पट्टी दौलत बेग ओल्डी, लेह पिछले कुछ सालों में तैयार की गई वायुसेना की तीन एडवांस लैंडिंग ग्राउंडों में से एक है। वास्तिवक नियंत्रण रेखा के निकट स्थित दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय तैयार की गई थी। लेह में 16,200 फीट ऊंचाई पर स्थित इस एयरफील्ड पर 31 मई 2008 को एएन 32 हवाई जहाज की लैंडिंग सेना व वायुसेना के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी। इस ग्राउंड के करीब चीनी सेना की मौजूदगी सैन्य दृष्टि से बड़ी चुनौती है।

    दौलत बेग ओल्दी, फूकचे और न्यौमा में तीन एडवांस हवाई पट्टी है। न्यौमा को पूरी तरह से एयरबेस के रुप में विकसित किया गया है। वायुसेना ने सुखोई की तैनाती हल्द्वारा, बरेली, तेजपुर और झाबुआ में की गई है।

    दूसरी तरफ चीन ने रेल और सड़कों का जाल बिछा रखा है जिससे चीनी सैनिकों को काफी मदद मिलती है। गोलमो-लोहासा रेल लिंक से चीनी सैनिकों को हर मदद मिलती रहती है।

    बंगाल के पानागढ़ में एक नई कोर की तैनाती का प्रस्ताव है। सेक्यूरिटी की कैबिनेट कमेटी की तरफ से मंजूरी का इंतजार है। इस नये कोर में 40 हजार सैनिक होंगे। इस पर 81 हजार करोड़ का बजट अनुमानित है। भारत की तरफ से 26 हजार करोड़ का बजट सीमा के करीब रेल और सड़क परियोजना मजबूत करने के लिए है।

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