भारत का सुपरसोनिक मिसाइल विमान सालभर में होगा लांच
जमीन और समुद्र से मार करने वाली मिसाइलों के बाद भारत की नजर अब सुपरसोनिक मिसाइल विमान के निर्माण पर है। इसकी मदद से हवा से ही लंबी दूरी का निशाना साधा जा सकेगा। रक्षा शोध विकास संस्थान (डीआरडीओ) में नियंत्रण, शोध एवं विकास के पूर्व प्रमुख ए. शिवतनु पिल्लई ने कहा, 'विमान के साथ मिसाइल को जोड़ने का का
चेन्नई। जमीन और समुद्र से मार करने वाली मिसाइलों के बाद भारत की नजर अब सुपरसोनिक मिसाइल विमान के निर्माण पर है। इसकी मदद से हवा से ही लंबी दूरी का निशाना साधा जा सकेगा।
रक्षा शोध विकास संस्थान (डीआरडीओ) में नियंत्रण, शोध एवं विकास के पूर्व प्रमुख ए. शिवतनु पिल्लई ने कहा, 'विमान के साथ मिसाइल को जोड़ने का काम किया जा चुका है। इसके और भी कई पहलू हैं। जिन पर काम चल रहा है।' उन्होंने बताया कि सालभर में इसके परीक्षण की उम्मीद है। पहले इसे दिसंबर 2014 से पहले लांच करने की तैयारी थी। ऐसा अगर अगले सालभर में भी होता है तो भारत ऐसा करने वाला पहला देश होगा।
पिल्लई ने बताया कि इसरो और डीआरडीओ हाइपरसोनिक तकनीक पर भी काम कर रहे हैं, जिसमें हीलियम-3 को ईधन के तौर पर प्रयोग किया जाएगा। इस तकनीक से लैस हाइपरप्लेन ध्वनि से 25 गुना तेज गति से उड़ान भरने में सक्षम होंगे। अब से पहले कई देश इस तकनीक में असफल हो चुके हैं। हीलियम-3 प्राय: धरती पर नहीं पाया जाता है। इसकी उपस्थिति चांद पर पाई गई है और इसे वहां से लाकर प्रयोग में लाना होगा। पिल्लई यहां मद्रास रोटरी क्लब के कार्यक्रम में सम्मिलित होने आए थे। क्लब की ओर से उन्हें 'लाइफ टाइम अचीवमेंट' सम्मान से नवाजा गया है। हाल ही में उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 15वें लाल बहादुर शास्त्री पुरस्कार से सम्मानित किया है।
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