कश्मीर समस्या का समाधान करने में सक्षम नहीं भारत : मीरवाइज
हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारुक ने कहा है कि भारत अकेले कभी भी कश्मीर समस्या का समाधान नहीं कर सकेगा। इसके लिए उन्होंने विश्व के कई नेताओं काेे खत भी लिखा है।
श्रीनगर (पीटीआई)। अलगाववादी नेता और ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक ने पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाते हुए कहा हैै कि भारत अकेले कश्मीर का समाधान नहीं कर सकेगा। इसमें कश्मीर के लोगों को शामिल करना होगा। उन्होंने कहा है कि भारत इसका समाधान कर पाने में सक्षम नहीं है। इसके लिए उन्होंने कई लोगों को पत्र लिखकर कश्मीर समस्या को हल करने के लिए उनसे मदद मांगी है।
मीरवाइज ने इसके लिए वैटिकन के पोप फ्रांसिस से लेकर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा, काबा के इमाम, शंकराचार्य, कई देशों के राजदूतों, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ को खत लिखा है। इस खत में लिखा गया है कि उनकी पार्टी हुर्रियत ऐसा मानती है कि सभी लोकतांत्रिक मूल्यों को दरकिनार कर भारत की लोकतांत्रिक' सरकार हमारे खिलाफ जंग लड़ रही है।
हुर्रियत नेता ने इस खत में लिखा है कि कश्मीर का मसला यहां के लोगों और उनके खुद फैसले लेने के अधिकार का मामला है। भारत और पाकिस्तान अकेले इस मसले को हल नहीं कर सकेंगे। इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
जल्द समाधान न हुआ तो ज्वालामुखी की तरफ फट जाएगा कश्मीर: एंटनी
अपने इस पत्र में मीरवाइज ने केंद्र और राज्य सरकार पर कश्मीर में लोगों पर दमनकारी नीति चलाने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भारतीय सुरक्षा तंत्र ने कश्मीर में बर्बर दमन की नीति अपना रखी है और हमारे विरोध को अभूतपूर्व तरीके से कुचला जा रहा है। इस खत में हुर्रियत प्रमुख ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कश्मीर के हालात पर मदद मांगी है और कहा कि इतनी बड़ी मानवीय त्रासदी पर वो मूक दर्शक क्यों बना हुआ है?
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के स्थानीय कमांडर बुरहान वानी की पिछले महीने पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत के बाद से हालात बेहद खराब हैं। कश्मीर घाटी के सभी 10 जिलों में कर्फ्यू लगा है जिसकी वजह से लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक हुई हिंसक झड़पों में करीब साठ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कई लोग घायल हुए हैं। जम्मू कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी, जिसमें एक प्रतिनिधिमंडल को वहां भेजने का फैसला लिया गया है। वहीं खुद गृहमंत्री आज राज्य में हालात का जायजा लेने के लिए वहां जा रहे हैं।