कैशलेस कैसे हो भारत, इंटरनेट डाउनलोड स्पीड में नेपाल-बांग्लादेश से भी पीछे
डाउनलोड स्पीड की बात की जाए तो भारत का इस मामले में 96वां स्थान है, जबकि औसत बैंडविड्थ के मामले में तो हमारा देश 105वें स्थान पर आता है।

मुंबई, जेएनएन । एक तरफ देश में कैशलेस अर्थव्यवस्था की बात हो रही है और दूसरी तरफ इंटरनेट डाउनलोड स्पीड के मामले में भारत पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश से भी पीछे है। यह भी सभी जानते हैं कि कैशलेस व्यवस्था तभी परवान चढ़ सकती है, जब इंटरनेट स्पीड अच्छी होगी। लेकिन इस मामले में भारत फिसड्डी साबित हो रहा है। ग्लोबल साइबर स्टेक में भारत निचले पायदान पर है।
डाउनलोड स्पीड की बात की जाए तो भारत का इस मामले में 96वां स्थान है, जबकि औसत बैंडविड्थ के मामले में तो हमारा देश 105वें स्थान पर आता है। यही नहीं भारत इंटरनेट सुरक्षा के मामले में भी काफी पिछड़ा हुआ है और यहां बेहद खराब दर्जे की इंटरनेट सुरक्षा है। डाउनलोड स्पीड के मामले में जहां भारत नेपाल और बांग्लादेश से भी पीछे है वहीं 'रैनसमवेयर' अटैक के मामले में दुनिया में अव्वल नंबर पर है।
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उपभोक्ता और जानकार भी भारत में साइबर क्राइम के मामलों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर चिंतित हैं। क्योंकि यहां इस मामले में सजा का औसत न के बराबर है। जानकारों का मानना है कि भारत में लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से बचते हैं, क्योंकि उन्हें डर रहता है कि कहीं उनका व्यक्तिगत डाटा चोरी न हो जाए और उन्हें भारी नुकसान न हो। इस मामले में तो बैंक और पुलिस भी पीड़ित की मदद नहीं करते।
जानकारों का कहना है कि सरकार को लोगों में कैशलेस अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए उनके विश्वास में बढ़ोतरी करनी होगी। ज्यादा अच्छी साइबर सुरक्षा का आश्वासन देना होगा। बता दें कि साइबर क्राइम के मामले में भारत दुनिया में छठे स्थान पर है। यही नहीं पिछले एक साल में यहां साइबर क्राइम के मामले दोगुने हो गए हैं।
बैंडविड्थ के मामले में श्रीलंका, चीन, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे हमारे पड़ोसी देश भारत से कहीं आगे हैं। हालांकि साइबर एक्सपर्ट कैशलेस व्यवस्था का स्वागत करते हैं, लेकिन जागरुकता की कमी की तरफ भी इशारा करते हैं।

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