उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले नारों से ही 'शह' और 'मात' का खेल शुरू
उप्र में नारों के मैदान में तीनों प्रमुख दल-सपा, भाजपा व सपा ने एक-दूसरे को पछाड़ने का अभियान शुरू कर दिया है। इसमें अखिलेश के नेतृत्व में सपा व भाजपा भारी पड़ रही है।
नई दिल्ली/ लखनऊ (एजेंसी)। पांच चुनावी राज्यों में सबसे बड़े व आकषर्षक चुनाव का केंद्र बने उप्र में नारों के मैदान में तीनों प्रमुख दल-सपा, भाजपा व सपा ने एक-दूसरे को पछाड़ने का अभियान शुरू कर दिया है। इसमें अखिलेश के नेतृत्व में सपा व भाजपा भारी पड़ रही है। वहीं बसपा ने 'बहनजी को आने दो' की मुख्य थीम पर कई नारे गढ़े हैं। कांग्रेस तो नारों की रेस में भी नदारद दिखाई दे रही है।
सपा के नारे
'जीत की चाभी, डिंपल भाभी'
-युवा लगा रहे 'ये जवानी है कुर्बान, अखिलेश भैया तेरे नाम' का नारा
-महिला कार्यकर्ताएं लगा रहीं 'हमारा सैंया कैसा हो, अखिलेश जैसा हो।'
-'काम बोलता है', 'विकास का पहिया अखिलेश भैया'
-'अखिलेश का जलवा कायम है, उसका बाप मुलायम है'
-'नो कन्फ्यूजन, नो मिस्टेक, सिर्फ अखिलेश, सिर्फ अखिलेश'
-'यूपी की मजबूरी है, अखिलेश यादव जरूरी है'
भाजपा के नारे
- बाप-बेटे के ड्रामे हजार, नहीं चाहिए सपा सरकार
-गुंडागर्दी के ठेकेदार, नहीं चाहिए सपा सरकार
-जिसमें घोटालों की भरमार, नहीं चाहिए बीएसपी सरकार
-ट्रांसफर-पोस्टिंग से कमाया अपार, नहीं चाहिए बसपा सरकार
बसपा का प्रमुख नारा
'बहनजी को आने दो'
-गांव खुशहाल बनाने को बहनजी को आने दो
-सर्वजन को सम्मान दिलाने को बहनजी को आने दो
-नई रोशनी दिखाने को बहनजी को आने दो
-न भ्रष्टाचार न गुंडाराज, अबकी बार बसपा सरकार।
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सोशल मीडिया में चलने लगा बहनजी का 'हाथी'
15 जनवरी को जन्मदिन से शुरू होगा बसपा का आक्रामक अभियान। लंबे समय तक सोशल मीडिया के गलियारे से दूरी बनाए रखने वाली मायावती की बहुजन समाज पार्टी अब इसी सस्ते, सुंदर व सघन प्रचार माध्यम का ब़़डे पैमाने पर उपयोग करने वाली है। 15 जनवरी को अपने जन्मदिन के मौके पर इसी डिजिटल मंच से वे उप्र की अखिलेश सरकार व केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रामक प्रचार शुरू करेंगी। इसकी फौरी शुरुआत हो चुकी है। 'बहनजी को आने दो' उनके अभियान की खास थीम है। बहनजी व बसपा के लिए फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स एप और यूट्यूब पर व्यापक प्रचार किया जाएगा। पार्टी के ट्विटर व फेसबुक अकाउंट तो पहले से थे, लेकिन उनका उपयोग बहुत कम हो रहा था। ट्विटर हैंडल पर बसपा के सिर्फ 10,000 फॉलोअर हैं, जबकि बहनजी के 'भतीजे' मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के 31 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं।
पुराने चुनावी नारों पर एक नजर
-स्वर्ग से नेहरू रहे पुकार, अबकी बिटिया जइहो हार
-अाधी रोटी खाएंगे, इंदिरा को लाएंगे
-राजीव तेरा यह बलिदान, याद करेगा हिंदुस्तान
-गालों पे जो लाली है, बोफोर्स की दलाली है
-न बिल्ला है न पर्चा है, बस वीपी सिंह की चर्चा है
-चलो चलें सरकार बनाएं, हाथी वाला बटन दबाएं
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